नई दिल्ली। 

महाराष्ट्र के मालेगांव में 2008 में हुए विस्फोट के मामले में आज 17 साल बाद फैसला आने वाला है। इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई कर रही एनआईए की विशेष अदालत आज निर्णय सुनाएगी। इस केस में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, सेना के कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत 12 लोग आरोपी हैं। यह धमाका 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में हुआ था, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
हिंदुत्व विचारधारा से जुड़ी साजिश का आरोप
जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपियों पर हिंदुत्व से प्रेरित संगठनों के माध्यम से एक सुनियोजित साजिश के तहत धमाका करने का आरोप है। इसमें साध्वी प्रज्ञा के अलावा कर्नल पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी, स्वामी दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी जैसे नाम शामिल हैं।
गवाहों के बयान बदले, साक्ष्यों को लेकर विवाद
इस केस में कुल 323 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 32 ने बाद में अपने बयान बदल दिए। एनआईए ने अदालत से अनुरोध किया है कि आरोपियों को किसी प्रकार की रियायत न दी जाए। हालांकि एजेंसी ने पहले यह भी कहा था कि सभी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं।