भोपाल, रवीन्द्र जैन। 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से रानी  कमलापति रेलवे स्टेशन के एकदम सामने एक बड़ी सी कोठी है। इस कोठी का नंबर है E322  यानी E1 में अररा कॉलोनी का E3 में 22  नंबर कोठी और इस कोठी में निवास करते थे  प्रफुल कुमार महेश्वरी एक समय मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा दैनिक समाचार पत्र नवभारत के  मालिक और अब यह कोठी नीलाम होने जा रही  है। आज बाकायदा अखबारों में इसका नीलामी  नोटिस छपा है। खबर इसलिए महत्वपूर्ण है कि  यह कोठी केवल एक अखबार मालिक की कोठी नहीं  है। यह कोठी मध्य प्रदेश में राजनीतिक,  सामाजिक और पत्रकारिता के क्षेत्र का एक  बड़ा केंद्र रह चुकी है। आपको पता होगा कि  प्रफुल कुमार महेश्वरी केवल और केवल अखबार  मालिक नहीं थे। वे मध्य प्रदेश में  राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं। नव भारत तो  आज भी निकलता है लेकिन वह धाक नहीं है  नवभारत की जो एक से हुआ करती थी। 1988 में  जब मैं भोपाल आया था और मैंने दैनिक भास्कर ज्वाइन किया था तब दैनिक भास्कर की  मीटिंगों में यह बात होती थी कि वह दिन कब आएगा जब हम नव भारत से आगे निकलेंगे। नव भारत से ज्यादा हमारा सर्कुलेशन होगा।  मैंने अक्टूबर 1988 में दैनिक भास्कर  ज्वाइन किया था। तब यहां नंबर वन नव भारत  था और नंबर टू दैनिक भास्कर था।  एक समय था नव भारत का लेकिन आज नव भारत के मालिक का मकान बिक रहा है तो निश्चित तौर  पर थोड़ा दुख भी है और इस बात की पीड़ा है  कि क्या हुआ अचानक कि आज इतने बड़े एक  सामाजिक कार्यकर्ता राजनीतिक कार्यकर्ता  पत्रकारिता के पितृ पुरुष का घर बिकने जा  रहा है। उनका निवास नीलाम होने जा रहा है। आज दैनिक  भास्कर में इसकी नीलामी का एक बड़ा सा  नोटिस छपा है और यह नोटिस छपाया है बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने। बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कहना है कि उन पर जो रिकवरी है जो प्रपल कुमार महेश्वरी और उनकी कंपनी जिसका नाम बताया नव भारत प्रेस प्राइवेट लिमिटेड इस पर जो वसूली है बैंक की वो है लगभग 24 करोड़ 93 लाख और 2009 यानी  26 जुलाई 2009 से इस पर ब्याज लगना है और  इस ब्याज का प्रतिशत प्रतिवर्ष बताया गया  14.25%  इतना ब्याज लगेगा। यानी कि यह राशि मुझे  लगता है कि करीब 50 करोड़ के आसपास जाएगी। फिलहाल बैंक ने इस कंपनी के जो मालिक है प्रफुल कुमार महेश्वरी अब हमारे बीच नहीं  है। उनकी यह जो कोठी है जो निवास है जो उनका घर है इसे  नीलाम करने का निर्णय ले लिया है और कोर्ट  ने बाकायदा अब उन्हें इसे नीलाम करने की  अनुमति दे दी है।  मैं आपको बताऊं आज जो विज्ञापन छपा है जो  शर्तें रखी हैं उसके अनुसार 28 अगस्त को  दोपहर 12 से 1:00 बजे तक इस कोठी की  नीलामी होगी ऑनलाइन नीलामी होगी और नीलामी  की न्यूनतम जो वैल्यू रखी गई है वह 23 करोड़ 16 लाख रखी है यानी इस नीलामी में  यदि किसी को हिस्सा लेना है तो 10% राशि  यानी कि 2 करोड़ 31 लाख600 एडवांस जमा  होगा करना होगा वही व्यक्ति इसमें नीलामी  में हिस्सा ले सकते हैं। बताया यह गया है  इस कोठी का जो क्षेत्रफल है वह 14249 वर्ग फीट है और दो मंजिला निर्माण हुआ है।  डबल फ्लोर का निर्माण है। लगभग 9400 स्क्वायर फीट का निर्माण इस कोठी में बताया गया है। और यह भी कहा गया  है कि यदि इसको खरीदने वाले इस कोठी को अंदर से देखना चाहते हैं तो 13 अगस्त को  दोपहर 12 से 4:00 बजे तक बैंक के अधिकारी  वहां उपस्थित रहेंगे। जो जो भी इसमें  इच्छुक है नीलामी करता उसे यह मकान अंदर  से बाहर से दिखाया जाएगा। मेरे लिए यह  बहुत ज्यादा दुखद है क्योंकि हमने देखा है  एक समय प्रफुल माहेश्वरी जी का समाज के  लिए योगदान देखा है। राजनीति के लिए  योगदान देखा है। हमने पत्रकारिता के लिए  भी उनका योगदान देखा है। आज इतने बड़े  व्यक्ति की कोठी नीलाम होना यह कोठी केवल ईंट पत्थर गारे की इमारत नहीं है बल्कि  इसमें कई यादें जुड़ी हुई हैं। इसमें यादें जुड़ी है रामगोपाल महेश्वरी जी की। इसमें यादें जुड़ी है प्रफुल महेश्वरी जी की और इसमें यादें जुड़ी है  तमाम उन नेताओं की। तमाम उन राजनीतिक  कार्यकर्ताओं की जो यहां गतिविधियों में  शामिल हुआ करते थे। और आपको मालूम है  रोटरी क्लब के यह काफी बड़े पदाधिकारी  रहे। तमाम सारे सामाजिक गतिविधियों से  जुड़े रहे। प्रफुल जी राज्यसभा के सदस्य  भी रहे। तो निश्चित तौर पर यह कोठी बहुत  बड़ी यादों के साथ है। बहुत सारी यादें  बहुत से लोगों की यादें इस कोठी से जुड़ी  हुई है। तो इस कोठी का बिकना मेरे लिए तो  एक बहुत बड़ी खबर है और मैं इसीलिए आपको  यह खबर दिखाने आया हूं कि देखिए समय बहुत  बलवान होता है। एक समय था प्रफुल महेश्वरी  जी का उनके परिवार का नाम था। उनका काम था  और यह बोलता था। आज वह स्थान जहां बहुत  सारी गतिविधियां होती थी वह नीलामी के उस पर चढ़ चुका है। देखते हैं कि क्या वाकई  28 अगस्त को यह मकान नीलाम हो जाएगा और यदि होगा तो यह किसके भाग्य में जाएगा।