भोपाल। 
भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने शहर में ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। जिसका उन्होंने आदेश भी जारी कर दिया है, लेकिन शहर में उनके आदेश का पालन होता नहीं दिख रहा है। कलेक्टर के आदेश अनुसार सोमवार 21 जुलाई से स्कूलों में ई-रिक्शा पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन पहले दिन ही शहर में आदेश की धज्जियां उड़ती दिखी। ई-रिक्शा चालकों ने अपना काम जारी रखा। 
जिला शिक्षा अधिकारी बोले अभी तक नहीं मिला आदेश
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार का कहना है कि कलेक्टर का आदेश अभी तक उनके पास नहीं पहुंचा है, इसलिए कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि पूरी तरह प्रतिबंध लगाने में थोड़ा समय लगेगा। ऑर्डर तो सोमवार से लागू किया गया है, लेकिन मामले में बच्चो के अभिवावको का कहना था की बच्चो को स्कूल भेजने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए कुछ दिन का वक्त चाहिए।
करीब 2000 ई-रिक्शा स्कूली बच्चों का करते हैं परिवहन 
गौरतलब है कि यह निर्णय जिला सड़क सुरक्षा समिति की सिफारिश पर लिया गया, जिसके बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश जारी किया था। बतादें कि शहर में 14 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत हैं, जिनमें से करीब 2000 ई-रिक्शा स्कूली बच्चों का परिवहन करते हैं। इनमें से 95% का न तो रजिस्ट्रेशन है, न तय रूट या स्टॉप। ड्राइवरों के पास कमर्शियल वाहन का लाइसेंस भी नहीं है। कई बार तो नाबालिग इन्हें चला रहे हैं। ये ट्रैफिक बाधित करने के साथ दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।
जिला प्रशासन ने तैयार किया नियमों का ड्राफ्ट 
शहर में ई-रिक्शा की अव्यवस्था को सुधारने के लिए जिला प्रशासन नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर चुका है, जिस पर विचार चल रहा है। इसी दिशा में पहला कदम स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह रोक लगाई गई है। 18 जुलाई को सांसद आलोक शर्मा की मौजूदगी में हुई यातायात समिति की बैठक में यह प्रस्ताव सामने आया था। उसी बैठक में तय किया गया कि ई-रिक्शा संचालन को लेकर नियम बनाए जाएं।