नई दिल्ली। 
भारत सरकार ने एक अहम फैसले में 24 जुलाई 2025 से चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा देना दोबारा शुरू करने की घोषणा की है। बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को यह जानकारी साझा की। मार्च 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद भारत ने यह सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी थी।
वीजा के लिए जरूरी होंगे ये दस्तावेज
दूतावास के मुताबिक, भारतीय वीजा केंद्र (बीजिंग) में पासपोर्ट वापस लेने के लिए आवेदन करने पर एक ‘पासपोर्ट विदड्रॉल लेटर’ देना अनिवार्य होगा। वीजा प्रक्रिया दोबारा शुरू होने से छात्रों, पर्यटकों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
गलवान घाटी की झड़प के बाद बिगड़े थे रिश्ते
जून 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। 1962 युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा टकराव माना गया। हाल के वर्षों में सैन्य और कूटनीतिक बातचीत के बाद कई इलाकों से सेनाएं पीछे हटीं हैं, जिससे रिश्तों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
कजान बैठक के बाद दिखने लगी सकारात्मकता
अक्टूबर 2024 में देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से सेनाएं हटाने पर सहमति बनी थी। इसके कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस के कजान में मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों ने आपसी संबंध सुधारने के लिए कई कदम उठाने पर सहमति जताई।
अब सीधी उड़ान और मानसरोवर यात्रा पर भी विचार
भारत और चीन दोनों अब चाहते हैं कि आम लोगों के बीच संपर्क बढ़े। इसके लिए सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को बहाल करने की योजना है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी हाल में कहा था कि भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सही दिशा में बढ़ रहे हैं।