भोपाल, सबकी खबर। 
मध्य प्रदेश देश भारतीय जनता पार्टी में अब  कार्यकारिणी गठित होनी है। कार्यकर्ताओं  को अलग-अलग स्थान पर अवसर मिलने वाले हैं।  निगम मंडल और अन्य जगह पर नियुक्तियां होनी है। इस सब की कवायद शुरू हो गई । लंबे समय से यह सब रुका हुआ था। लेकिन नए अध्यक्ष बनने के बाद अब आस जगी है। कार्यकर्ता उम्मीद लगाए बैठा है। पिछले तीन चार  साल से यानी कोविड के बाद से भारतीय जनता  पार्टी ने अपने विस्तार की प्रक्रिया चला रखी थी और भारतीय जनता पार्टी का यह दावा  है कि इस दौरान लगभग 4 लाख नए कार्यकर्ता  जुड़े हैं। इनमें बहुत बड़ी संख्या में  कांग्रेस से भी आए हैं। अब यह कार्यकर्ता  जो आ गए हैं, इन्हें प्रशिक्षण भी हो गया।  कई भी चीज़ें हो चुकी हैं। अब यह उम्मीद कर रहे हैं कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी का  पुराना कार्यकर्ता, भारतीय जनता पार्टी का नया कार्यकर्ता बीजेपी से आए हैं। वह भी  कांग्रेस के भी यह सारे लोग यह उम्मीद कर  रहे हैं कि अब संगठन में उन्हें कोई ना कोई जिम्मेदारी दी जाएगी। सत्ता में भागीदारी होगी।  8  अगस्त को मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के समापन के बाद भारतीय जनता पार्टी कुछ नया  करने जा रही है। अब क्या नया करने जा रही  है? जो सूत्र हमें बता रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि प्रदेश  कार्यकारिणी का गठन की प्रक्रिया शुरू हो  चुकी है। प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होगा  यानी प्रदेश पदाधिकारी बनाए जाएंगे। जिला कार्यकारणियों का गठन होना है। जिलों में  पदाधिकारी बनाए जाएंगे और प्रदेश कार्य  समिति का गठन होना है जिसमें तमाम सारे  सदस्य बनाए जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी एकमात्र संगठन है और खासकर मध्य प्रदेश उनका प्रयोगशाला माना जाता है। तो भारतीय  जनता पार्टी में हर तीन में हर तीन महीने में प्रदेश कार्य सममिति की बैठक होती ही है। उसमें बाकायदा वो प्रस्ताव रखते हैं और उस पर वो चलते हैं। तो प्रदेश कार्य सममिति की बैठक जिस दिन संगठन पर्व  शुरू हुआ यानी कि जिस दिन उन्होंने अपनी  सदस्यता शुरू की फिर मंडल के चुनाव कराए। फिर उन्होंने जिले के चुनाव कराए और प्रदेश के चुनाव कराए। तब से लेकर अब नवीन  कार्यकारिणी गठन तक वह जो प्रदेश कार्य  सममिति की बैठक है वो स्थगित है। अब नए  अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल आ गए हैं। बड़े सुलझे हुए और बड़े पॉजिटिव विचार के अध्यक्ष है। भाजपा को एक ऐसा अध्यक्ष मिला है सरल, सहज, सौम्य  और और सीधी पंक्ति पे चलने वाले। उन्होंने खुद ही कहा है कि दाएं बाएं चलने वालों को मैं बर्दाश्त भी नहीं करता। यानी कि सीधे चलने वाले अध्यक्ष हैं  और वे चाहते हैं कि अब समय समय सीमा के  अंदर मध्य प्रदेश में कार्यकारिणी का गठन  हो जाए। जिसमें पहली प्राथमिकता रहेगी जिला कार्यकारिणी   का गठन।  जिलों के बाद प्रदेश का  होगा और उसके बाद में निगम मंडलों में नियुक्ति  के लिए एक बैठक हो चुकी है। वरिष्ठ  नेताओं के एक दौर की बैठक हो चुकी है और अब सेकंड दौर की बैठक में नामों को अंतिम  रूप दिया जाएगा। यानी निगम मंडलों की नियुक्ति भी अब बहुत समीप है और मुख्यमंत्री ने भी हरी झंडी दे दी है।  दिल्ली से हरी झंडी मिल गई है। मुझे लगता है जिन महत्वपूर्ण नेताओं की भूमिका रहेगी  उनमें शिव प्रकाश हैं, अजय जामवाल हैं, डॉ. महेंद्र हैं, प्रदेश अध्यक्ष  हैं, मुख्यमंत्री हैं। यह सब मिलकर भारतीय जनता पार्टी में एक मंथन की प्रक्रिया चल रही है। और इस मंथन से बहुत जल्दी मक्खन निकलने वाला है। यानी इन कार्यकर्ताओं को  मक्खन मिलने वाला है। मक्खन अब बंटने वाला  है और यह मक्खन प्रदेश अह निगम मंडलों  में नियुक्ति को लेकर होगा। और एक और  आ रही है। इस जानकारी  की पुष्टि बहुत जल्दी हो जाएगी। लेकिन जो  प्रदेश संगठन महामंत्री हैं मैंने इसलिए  जानबूझ के उनका नाम नहीं लिया था। 
हितानंद की जगह भी किसी बाहरी को मिल सकती है मप्र की कमान
संगठन  महामंत्री हितानंद  शर्मा हैं उनका कार्यकाल लगभग पूरा हो गया है। हालांकि वह संगठन महामंत्री का कोई कार्यकाल निश्चित नहीं है। लेकिन ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इनके स्थान पर भी किसी नए व्यक्ति की नियुक्ति होगी और इस बार जो भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय से छन छनकर खबर बाहर आ रही है उसके अनुसार इस बार संगठन महामंत्री मध्य प्रदेश से नहीं होंगे। किसी अन्य राज्य के संघ के प्रचारक को मध्य प्रदेश में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी दी जा सकती है।   इस तरह की चर्चा है। एक और विषय बड़ा महत्वपूर्ण है  जिस पर भारतीय जनता पार्टी विचार कर रही  है और वह है यो कुछ दिन पहले संभागीय  संगठन महामंत्रियों के एक पद हुआ करते थे। फिलहाल वह खत्म कर दिए गए हैं। अब प्रभारी  बना दिए गए हैं। तो क्या प्रभारियों से  काम चलाया जाए या संगठन महामंत्री की  प्रक्रिया शुरू की जाए? यदि संगठन की  प्रक्रिया संगठन संभागीय संगठन मंत्री की  प्रक्रिया शुरू होती है तो फिर दूसरी बात  यह है कि संघ से आए हुए लोगों को लेना है  या भारतीय जनता पार्टी अपने तपे हुए  कार्यकर्ताओं का चयन करेगी। ये एक मंथन की  प्रक्रिया चल रही है पार्टी के अंदर। 

मंत्रिमंडल में भी हो सकता हैं फेरबदल, सागर से आ सकता हैं एक ओर मंत्री
एक और खबर यह भी आ रही है कि  मंत्रिमंडल में भी फेरबदल हो सकता है। और   इस संबंध में लगातार मोहन यादव जी दिल्ली  में अपनी बात कह चुके हैं। प्रधानमंत्री  से उनकी अभी दो दिन पहले ही मुलाकात हुई  है। अमित शाह जी से मुलाकात हुई है। और  देखिए बड़ा चौंकाने वाली जानकारी आ रही है  कि उन्होंने जो दिल्ली में कहा है।  जो सूत्र बता रहे हैं छन छन के जो जानकारी  आ रही है उसके अनुसार डॉक्टर मोहन यादव  अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ असहज हैं।  वे चाहते हैं कि उनके मंत्रिमंडल में अति वरिष्ठ जो मंत्री हैं उन्हें संगठन में या  राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी सौंप दी जाए अह महामंत्री बना दें देश का या कहीं  राज्यपाल बना दिया जाए। लेकिन वे चाहते  हैं कि मंत्रिमंडल में वरिष्ठता के क्रम  में पांच सात मंत्री वरिष्ठ हैं। एक दो रहे तो समझ में आता है। तो यह जो असहजता माहौल है उसे दूर करने के लिए हो सकता  है वरिष्ठ मंत्रियों में से किसी को कहीं  बाहर भेजा जा सके और सागर से किसी को मंत्रिमंडल में लिया जाना है। इस तरह की  र्चा है। मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा भी चल  रही है।