गिरफ्तार ननों को मिली जमानत

- दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद लिया फैसला
बिलासपुर। केरल की ननों की गिरफ्तारी मामले में बड़ी खबर सामने आई है। बिलासपुर एनआईए कोर्ट ने दोनों ननों को जमानत दे दी है। बीती एक अगस्त को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां दुर्ग से गिरफ्तार ननों को जमानत मिल गई है। ननों की जमानत अर्जी को कोर्ट ने मंजूर किया है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने यह फैसला लिया। वहीं बिलासपुर एनआईए कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। पीड़ित पक्ष की बेल एप्लिकेशन पर कोर्ट ने फैसला दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों दो नन की दुर्ग से गिरफ्तारी हुई थी। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में कार्रवाई की गई थी। बीती एक अगस्त को बिलासपुर एनआईए कोर्ट में मामले में सुनवाई पूरी हुई। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। पीड़ित पक्ष की ओर से बेल एप्लिकेशन लगाई गई थी। बीते दिनों दो नन की दुर्ग से गिरफ्तारी हुई थी, दोनों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में कार्रवाई की गई थी। जानकारी दें कि बीते 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन में धर्मांतरण और ह्यूमन ट्रैफिकिंग को लेकर जमकर बवाल हुआ था। 2 मिशनरी सिस्टर (नन) और एक युवक पर 3 आदिवासी युवतियों को UP के आगरा में काम दिलाने के बहाने बेचने ले जाने का आरोप लगाया गया,इन्हें बजरंग दल से जुड़े लोगों ने पकड़ा था। मामला भिलाई थाना-3 के दुर्ग जीआरपी चौकी का है। जानकारी के मुताबिक नारायणपुर की युवतियों को आगरा ले जाने वालों का नाम सुखमन मंडावी और मिशनरी सिस्टर प्रीति और वंदना है। ये तीनों लोग कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति नाम की युवती को आगरा लेकर जा रहे थे। फिलहाल दोनों नन दुर्ग जेल में बंद हैं।