सीधी/ भोपाल, सबकी खबर। 
सीधी जिले के रामपुर नैकिन ब्लॉक के खड्डी खुर्द गांव की सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर लीला साहू 9 महीने की गर्भवती हैं और पिछले एक साल से अपने गांव के लिए पक्की सड़क की मांग कर रही हैं। हाल ही में लीला का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने सड़क निर्माण शुरू होने की बात कही। इसके बाद कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने दावा किया कि वे अपने निजी खर्च से सड़क बनवा रहे हैं। लेकिन जल निगम ने इस पर दावा ठोकते हुए कहा कि यह निर्माण उनका है। इस दावे के बाद सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया।
सबके अपने अपने दावे अजय सिंह बोल रह हैं मैं निजी खर्च से बनवा रहा हूं सडक वहीं जल निगम बोल रहे हैं हम बना रहे सडक
अजय सिंह ने मीडिया से कहा कि लीला साहू और अन्य ग्रामीण लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे थे, लेकिन बीजेपी सरकार और सांसद ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा, “मैं यह सड़क अपनी जेब से बनवा रहा हूं, विधायक निधि से नहीं। इतनी सड़क तो बना ही देंगे कि गाड़ियां, एंबुलेंस और बसें आ-जा सकें। इस दावे के कुछ घंटों बाद जल निगम की ओर से प्रबंधक चंदन झा ने बयान दिया कि सेंधवा से खड्डी गांव तक सड़क का निर्माण कल्पतरु संस्था द्वारा जल निगम के CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के तहत किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि रीवा जल निगम के GM नीरव अग्रवाल के निर्देश पर यह काम शुरू हुआ है। सड़क बारिश के कारण खराब हो गई थी, जिससे लोगों को परेशानी हो रही थी।
सांसद महोदय को हो गया सोशल मीडिया का एहसास
सांसद महोदय को अब आज जाके सोशल मीडिया के ताकत का एहसास हो गया है। और एक ऐसी ग्रामीण महिला जो एक पिछड़ा जिला है। आदिवासी जिला है। मध्य प्रदेश का  भी सीमावर्ती जिला है। उसका भी सीधी ऐसा  छोटा सा गांव है। जहां वाहन नहीं पहुंच  सकते। वहां की एक महिला लीला साहू ने सोशल  मीडिया को अपनी ताकत बनाकर सरकार केवल  मध्य प्रदेश नहीं भारत सरकार तक के कान  खड़े कर दिए हैं कि कितनी बड़ी बात है। आज  हम बात करेंगे सोशल मीडिया की ताकत की और  अपने अधिकारों की बात एक ग्रामीण महिला  कैसे रख सकती है। 

मध्य प्रदेश की आइकॉन बन गई लीला साहू 
मध्य प्रदेश की एक ऐसी आइकॉन बनने जा रही है महिला जो प्रदेश की आधी आबादी का प्रति कर सकती है सोशल मीडिया के लिए। बिल्कुल  रविंद्र भाई लीला की लीला जो है वो  अपरंपार हो गई है और सड़क पर वो जिस तरह  से बेधड़क हुई पूरी दुनिया में चर्चा में  है। अगर सोशल मीडिया की ताकत का आप जैसा 
जिक्र कर रहे थे तो जैसा मैं देख रहा था  अभी लीला साहू तकरीबन 10 लाख लोग उसको YouTube में फॉलो करते हैं। 8 लाख के आसपास Instagram में फॉलो करते हैं। और  लीला साहू एक ग्रामीण अंदाज में बोलती है।  पढ़ी लिखी लेडी है लेकिन ग्रामीण  बघेली भाषा है उसकी। 
सांसद के बयान से सांसद की लगी थी क्लास
लेकिन इस मामले में लीला को सबसे  ज्यादा अगर किसी ने चर्चित किया है तो  उसका श्रेय तो सांसद जी को ही जाना चाहिए।  इसलिए कि वो जिस अंदाज में उन्होंने कहा आपत्तिजनक अंदाज था। जिस अंदाज में उन्होंने कहा कि उठवा लेंगे। उठवा लेना बघेली में से लेके पूरे देश में एक ही अंदाज में अपने भारतीय संस्कृति में यह शब्द एक ही  महिलाओं के लिए नहीं बोलना चाहते एक ही अंदाज में उसको लिया जाएगा और सांसद जी नहीं यहां सफाई मांगी गई थी बीजेपी ऑफिस में उन पर डांट पड़ी थी सांसद महोदय पे इस शब्द को लेकर बिल्कुल और उस पर चर्चा हुई और जगह-जगह  सांसद जी को इसको लेकर आड़े हाथ में आड़े हाथ भी लिया गया मीडिया ने भी लिया सांसद जी ने फिर बाद में अपनी भाषा बदली फिर  मंत्री जी भी कूद पड़े उस पे पीडब्ल्यूडी  मंत्री जी हैं उन्होंने भी उस पर कुछ कह दिया उन्होंने भी कहा कि सब सोशल मीडिया पे ही अगर मांगने लगेंगे तो सब जगह बंद नहीं जाएगी। कुछ दिन पहले तक मंत्री जी ही कहते रहे। बाद में भी मंत्री जी कह रहे हैं कि अगर वो पैच कहीं पैच वर्क करना है  तो आप डालिए वीडियो अपलोड कीजिए और पैच वर्क हो जाएगा। सोशल मीडिया की ही तो ताकत है ये भी।