भोपाल, सबकी खबर।
लखनऊ विश्वविद्यालय के एक एसोसिएट प्रोफेसर  रविकांत चंदन ने गजब का दिमाग चला दिया है। प्रोफेसर जैसा बुद्धिमान आदमी इस तरह कैसे सोच सकता हैं यह बडी आश्चर्य करने वाली बात हैं। प्रोफेसर ने सोशल मीडिया पर लिखा हैं कि बागेश्वर महाराज को फांसी की सजा दे देना चाहिए। प्रोफेसर को न  कोई मुद्दा पता है ना इन्हें कोई जानकारी है बस सोशल मीडिया पे कुछ भी बक दिया जो कुछ इन्होंने लिखा है वो तो ऐसा लगता है कि यह सामान्य बुद्धि का व्यक्ति नहीं है या तो कोई पागलपन है या इसके अंदर कुछ ऐसा भरा जहर भरा हुआ है कि यह संतों के खिलाफ इसी तरह के शब्दों का उपयोग करते रहे हैं। एसोसिएट प्रोफेसर लखनऊ विश्वविद्यालय यह हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। इन्होंने Facebook पर लिखा है? ना केवल धीरज शास्त्री बल्कि प्रधानमंत्री के खिलाफ भी टिप्पणी की है और इसके बाद भी यह प्रोफेसर कैसे बने हुए हैं इस पर भी मुझे आश्चर्य होता है। यह लिखते हैं एक दिन पहले ही लिखा है इन्हने। यह लिखते हैं कि नॉन बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित छोटा भाई धीरज शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी कर रहा है। सोचने वाली बात है कितना बेहूदा मतलब इनकी  मानसिकता क्या है वो सोच के हैरानी  हो रही है और चिंता इस बात की हो रही है  कि ये लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है एसोसिएट प्रोफेसर आगे लिख रहे हैं इसकी  गहन जांच होनी चाहिए और सही पाए जाने पर  धीरेंद्र को फांसी होनी चाहिए। अब आप  बताइए  यह इन्होंने एक फोटो लगाया है महिला का और यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि इन महिलाओं की तस्करी कर रहे हैं धीरज  शास्त्री जो बागेश्वर महाराज हैं। आपको बताते चले इनकी बुद्धि क्यों चल रही है और यह किस तरह से माहौल बिगाड़ते  हैं। दरअसल छतरपुर जिले में  बागेश्वर धाम है वहां भारी संख्या में लोग  आने लगे हैं। वहां पर लोग व्यवसाय भी करने लगे हैं। एक बात महसूस की जा रही थी लंबे समय से कि वहां कुछ ऐसी माताएं बहनें रह रही हैं जो लंबे समय से परिवार से दूर  हैं। अपनी पहचान छुपा के रह रही हैं और अपने खर्चे चलाने के लिए कोई फूल बेच रहा है, कोई अगरबत्ती बेच रहा है, कोई कुछ कर रहा है। लेकिन इनके लगातार वहां रहने से वहां व्यवस्थाएं बिगड़ रही थी। तो वहां पर जो ट्रस्ट है जो प्रबंधन है उसने बाकायदा  ऐसी महिलाओं की पड़ताल की है। लगभग 50 महिलाएं और पुरुष ऐसे मिले हैं जो लंबे समय से बागेश्वर धाम में रह रहे हैं। जिनकी गतिविधियां भी संदिग्ध हैं। संदिग्ध का मतलब कोई ऐसा नहीं कि संदिग्ध का मतलब यह है कि  कई चोरीचकारी के उसमें भी आ सकती हैं। लोगों की लोगों का सामान चोरी जाता है तो वह भी संदिग्ध के रूप में देखी जा रही थी। तो बाकायदा ट्रस्ट ने एक सूची  बनाई है। 50 लोग ऐसे हैं जिनके मोबाइल नंबर भी मिल गए। जिनके थे इनके नाम है। यह लगभग 50 लोगों की 54 लोगों की सूची यह ट्रस्ट ने जारी की  है और जिला  प्रशासन को दी है। पुलिस चौकी को दी है कि भाई यह 50 लोग ऐसे हैं जो लंबे समय से धाम पर रह रहे हैं।  धाम ने इनकी कोई व्यवस्था नहीं की। धाम  ट्रस्ट ने इनको कोई मंजूरी नहीं दी है। यह  वहां रह रहे हैं और लोगों को बड़ी दिक्कत कर रहे हैं। इसके बाद में पुलिस की सहमति से ट्रस्ट ने शायद 28 या 29 जुलाई को लगभग  12 13 महिलाओं को  चर्चा की और कहा कि हम आपको महोबा पुलिस स्टेशन तक छोड़ देते हैं और वहां से आप अपने परिवारों के लिए रवाना हो जाए। तो रात में इनको एंबुलेंस  गाड़ी में लेकर स्टेशन छोड़ने जाया जा रहा  था। बताया जाता है कि उसी समय किसी महिला ने क्योंकि ये अपनी सहमति से तो जा नहीं रही थी और यह वहां बागेश्वर धाम छोड़ने को  तैयार नहीं थी तो इन्हें स्टेशन छोड़ने के लिए जा रहे थे। तभी किसी महिला ने डायल  100 पे फोन कर दिया कि हमारा अपहरण कर लिया गया है।  तो लवकुश थाने की पुलिस  रास्ते में आ गई। उसने वाहन को रोक के  पूछताछ की। उसके कुछ वीडियो बना लिए गए। वीडियो बना के वायरल कर दिए गए कि बाबा के आश्रम से जबरन महिलाओं को कहीं ले जाया जा  रहा था। मतलब जो मन में आए वो किया जा रहा  था। जैसे ही यह वीडियो वायरल हुए तो धाम ने तत्काल एक विज्ञप्ति जारी की। इस पर कार्यालय के जो प्रबंधक हैं उनका बाकायदा हस्ताक्षर है।  जिसमें साफ लिखा है ...
सूचनाार्थ आगुंतुक
श्रद्धालु व आम जन बाबत विगत कई दिनों से  श्री बागेश्वर धाम पर कुछ असामाजिक तत्व   अवैधानिक व जन विरोधी गतिविधियों में  शामिल होकर धाम में निवास कर व्यवस्थाओं  बिगाड़कर माहौल खराब कर रहे थे। जिनकी मौखिक रूप में कई शिकायतें प्राप्त हुई। जिस पर कारवाई करते हुए पुलिस चौकी बागेश्वर धाम व श्री बागेश्वर जन सेवा समिति द्वारा ढाबा होटल संचालक, होम स्टे  संचालक आदि से जानकारी एकत्रित कर पाया कि कुछ फूल माला विक्रय व सामग्री विक्रय  करने वाली माताएं जो कि अपने परिवार व
 पहचान को छुपाकर धाम पर निवास कर रही हैं।  इन्हें चिन्हित कर पुलिस चौकी एवं पुलिस थाना बल व श्री बागेश्वर जन सेवा समिति के सदस्यों ने इन सभी आवांछित व्यक्तियों को समझाइश देकर सभी की फोटो व पहचान पत्र की  प्रति लेकर यह आग्रह किया कि उनके धाम पर  अनावश्यक रूप से रोकने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं व धाम की व्यवस्थाओं को क्षति ना पहुंचे य​ह सूचना दी गई। कुछ लोगों ने सहमति से घर  जाने व किराया ना होने की जानकारी दी।  जिससे समिति सदस्यों ने उनका घर तक का  जाने हेतु किराया देकर उनके घर पर सूचना  देकर समिति सदस्यों द्वारा रेलवे स्टेशन व  बस स्टैंड तक छोड़ा गया। सर्व सूचनाार्थी यह जानकारी की जाती है कि धाम पर आने वाले  श्रद्धालु सावधान रहे व धाम पर पहचान  छुपाकर रहने वाले लोगों को धाम पर मर्यादित तरीके से  वैध कृत्यों में शामिल हैं। उनके लिए भी यह विज्ञप्ति  सूचनार्थ व अग्रिम कारवाई हेतु है। अन्यथा  श्री बागेश्वर जनसेवा समिति इन व्यक्तियों  के विरुद्ध आवश्यक प्रथम सूचना रिपोर्ट  दर्ज कराकर इनके विरुद्ध आपराधिक कारवाई  संस्थित करने के लिए स्वतंत्र रहेगी। मतलब कुल मिलाकर मामला यह था कि यह माता बहने लंबे समय से वहां रह रही थी। अवांछित  गतिविधियों में शामिल थी। धाम से जाने का  नाम नहीं ले रही थी। इसलिए इन्हें पुलिस  की जानकारी में स्टेशन तक छुड़वाया गया।  आपका विरोध यदि किसी के प्रति है तो तथ्यों पे होना चाहिए। आपके पास प्रमाण होना चाहिए। कुछ भी बोलेंगे आप। आप तो टीचर  हैं। कॉलेज के विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। हिंदी आप पढ़ लेते पता  लगा लेते। आप अखबारों को देख लेते कुछ भी  बक रहे हैं आप कुछ भी लिख रहे हैं कि बागेश्वर महाराज महिलाओं की तस्करी करते  उन्हें फांसी की सजा दे देना चाहिए। आप इनके सोशल मीडिया अकाउंट को देखिए और आपको लगता है कि कानून के अनुसार उन्होंने जन भावनाओं से खिलवाड़ किया है तो इन पर जन भावनाएं भड़काने का प्रकरण भी दर्ज होना चाहिए। इसमें बागेश्वर धाम खुद नहीं जाएंगे  रिपोर्ट कराने के लिए या महाराज खुद  जाएंगे। लेकिन जिस तरह महाराज के हजारों  लाखों करोड़ों जो भक्त हैं निश्चित तौर पे  ऐसे लोग जिन जिनको ना कोई जानकारी है ये कुछ भी मतलब ये कहते हैं ना तिल का  ताड़ बनाने की कोशिश जो हो रही है उस कहीं ना कहीं कंट्रोल होना चाहिए कहीं ना कहीं रोक लगना चाहिए यदि बागेश्वर धाम से भी कोई गलती होगी हम उसको भी छुपाएंगे नहीं हम चलाएंगे आज लखनऊ के इस प्रोफेसर ने जो शब्द लिखे हैं उससे निश्चित तौर पे तमाम सारे भक्तों की भावनाएं आहत हुई है। ऐसे कोई भी ऐरा गेरा वगैरा कुछ भी लिख देगा कि बाबा जी को फांसी दे दो मतलब बाबा  जी तस्करी करते हैं महिलाओं की कोई प्रमाण हो कोई बात हो समझ में आता है लेकिन आप समझ सकते हैं कि ये जो बोलने की स्वतंत्रता का जो दुरुपयोग हो रहा है और  ऐसे व्यक्ति कर रहे हैं जो लोगों को  पढ़ाते हैं लोगों को शिक्षा देते हैं जिन्हें हम गुरु मानते हैं गुरु पूर्णिमा पर जिनको हम आदर देते हैं। ऐसे लोगों पर शासन द्वारा कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।