• अब पीट रहा माथा; कैसे फंसा?


धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में करोड़ों की कीमत के सोने-चांदी के पुराने सिक्कों का लालच देकर एक शिक्षक से 10 लाख की ठगी मामला सामने आया है। ठगी के शिकार हुए शिक्षक ने मजदूर बने ठग गिरोह के जाल में फंसकर अपने परिवार के सदस्यों के सोने के आभूषण गिरवी रखकर रुपये जुटाए, फिर करीब पांच किलो वजन के करोड़ों मूल्य के सोने के सिक्के 10 लाख रुपये में खरीद लिए। लेकिन, हकीकत पता चलने पर शिक्षक होश उड़ गए, उसने जो सिक्के खरीदे वे सब नकली हैं।
ठग गिरोह ने मजदूर बनकर फंसाया
दरअसल, ठगी का यह मालमा धार जिले के कुक्षी से जुड़ा है। जहां अलीराजपुर जिले के निवासी एक वरिष्ठ शिक्षक 26 जुलाई को अपने पुत्र की किराना दुकान पर बैठे थे। शाम करीब 6 बजे दुकान पर आए एक व्यक्ति ने डेढ़ सौ रुपए का किराना सामान खरीदता। इस दौरान उस व्यक्ति ने शिक्षक को बताया कि उसके पास चांदी के पुराने सिक्के हैं। वह मजदूरी का काम करता, एक जगह खुदाई के दौरान उसे ये सिक्के मिले थे। पैसों की जरूरत के कारण वह उन्हें बेचना चाहता है। उसने शिक्षक से कहा कि अगर आप इन्हें खरीदना चाहते हैं तो मैं एक सिक्का 800 रुपए में दे दूंगा। इसके बाद वह व्यक्ति शिक्षक का मोबाइल नंबर लेकर चला गया। देर रात उस  व्यक्ति ने शिक्षक को कॉल कर कहा कि खुदाई में उसे पीले रंग के सिक्के भी मिले हैं, जो उसे समझ नहीं आ रहे हैं। अगर, आप उन्हें देखना चाहें तो कुक्षी आ जाइए। 27 जुलाई (रविवार) को शिक्षक अपनी पत्नी और बेटे के साथ कार से बताए गए स्थान रम्पी डंपी स्कूल, कुक्षी के गेट पर दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पहुंचे। जहां, उन्हें एक व्यक्ति मिला, जिसने अपना नाम संतोष प्रजापति बताया। साथ में एक महिला, जिसे उसने अपनी मां और एक अन्य पुरुष को मामा बताया।
जांच कराई तो सुनार ने असली बताया
शिक्षक परिवार ने इन लोगों की कार में आते समय मोबाइल से फोटो और वीडियो भी बना लिए थे। इसके बाद वे लोग कार में आकर बैठ गए और पीले रंग की थैली में रखे करीब पांच किलो वजन के सिक्के दिखाते हुए कह कि पहले इन्हें चेक कर लो, फिर आगे की बात करेंगे। ठगों ने थैली में से एक सिक्का निकालकर शिक्षक को जांचने के लिए दे दिया। शिक्षक ने ग्राम सुसारी के एक सुनार से वह सिक्का चेक करवाया तो उसने उसे सोने का बताया। सुनार से पुष्टि होने के बाद ठगों ने थैली में भरे सभी सिक्कों की कीमत 40 लाख रुपये बताई। लंबी बातचीत के बाद शिक्षक ने 10 लाख रुपये में सौदा तय किया। करोड़ों के सोने के लालच में शिक्षक ने अपने घर के सोने के आभूषण गिरवी रखकर 10 लाख रुपए का लोन लिया। इसके बाद 29 जुलाई की सुबह करीब 8 बजे कुक्षी पहुंचकर ठगों को 10 लाख रुपये दिए और सिक्कों की थैली ले ली।
फिर पता चला ये तो पीतल है
सिक्के लेने के बाद शिक्षक अपने घर लौटे और एक बार फिर स्थानीय सुनार से सिक्कों की जांच करवाई, जिसने उन्हें पीतल का बताया। यह सुनकर शिक्षक समेत पूरे घर के सदस्यों के होश उड़ गए। सुनार की बात पर यकीन नहीं होने पर वे दोबारा ग्राम सुसारी पहुंचे और उसी सुनार से जांच कराई जिसने पहले सिक्के को असली बताया था। लेकिन, इस बार उस सुनार ने भी सिक्कों को पीतल का बताया। 10 लाख के नुकसान से परेशान शिक्षक ने तुरंत संतोष प्रजापति के नंबर पर कॉल किया, लेकिन उसका फोन बंद मिला। ऐसे में शिक्षक और उनका परिवार कुक्षी पहुंचे और ठगों की तलाश की, लेकिन वे बताए गए स्थान पर नहीं मिले। 
अब पुलिस कर रही जांच
इसके बाद शिक्षक का परिवार कुक्षी थाने पहुंचा और थाना प्रभारी राजेश यादव को घटना की जानकारी दी। शिक्षक की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। शातिर ठगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। मामले में सबसे अच्छी बात यह है कि शिक्षक के पास आरोपियों के फोटो और वीडियो है, जिनके आधार पर पुलिस उनके असली ठिकाने का पता लगाने का प्रयास कर रही है।