पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा... भिंड एसपी और लहार विधायक मिलकर लूट रहे हैं जिले को
फर्जी एफआईआर, झूठी रिपोर्ट के सहारे लोगों का जीवन बनाया नारकीय
भिंड / भोपाल
पिछले 15 दिन में तीन ऐसी घटनाएं हुई हैं इस लहार में कि पूरे मध्य प्रदेश में लहार चर्चा का विषय बना हुआ है और मुख्यमंत्री को भी जवाब देना मुश्किल हो रहा है। सबसे पहले खबर यह आई थी कि लहार के जो विधायक हैं भाजपा के जिनका नाम है अमरीश शर्मा। अमरीश शर्मा के साले हैं सुधांशु द्विवेदी जो फ्रॉड के कारण धोखाधड़ी के कारण मुंबई की जेल में बंद थे और आरोप यह लग रहा है कि मुंबई जेल से लहार की जेल लाने के लिए और उन्हें सुविधाएं देने के लिए एक महिला से एफआईआर कराई गई बलात्कार की और इस एफआईआर के बाद लहार पुलिस गई और बॉम्बे से सुधांशु द्विवेदी को लहार के गेस्ट हाउस में रख लिया है। कोई कह रहा है हॉस्पिटल में है। कोई कह रहा है गेस्ट हाउस में है। अब यह पुलिस की जांच का विषय है। लेकिन इतना तय है कि 97 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में मुंबई की जेल में बंद लहर के विधायक के सगे साले इस समय मुंबई की जेल से लहार तक आ गए हैं और वहां बडे आराम से रहे रहे है।दूसरी बड़ी घटना ये हुई कि इसी बीच में मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और सात बार लगातार विधायक रहे डॉक्टर गोविंद सिंह को एक फोन आता है और उन्हें मारने की धमकी दी जाती है और कहा जाता है कि आपका मकान उड़ा दिया जाएगा और अब एक तीसरी घटना हो गई। तीसरी घटना अब से केवल 48 घंटे पहले हुई है। यानी कि परसों हुई है। और यह घटना यह हुई है कि लहार के बिल्कुल थाने से 50 मीटर की दूरी पर दो वर्गों में दिन दहाड़े करीब दोनों तरफ से 15 से 20 मिनट तक फायरिंग होती रही। 50 से ज्यादा फायर हुए हैं। 50 राउंड गोलियां चली हैं। एक व्यक्ति की मौत भी हुई और दो घायल भी हुए। क्या हो रहा है? यहां प्रशासन कहां बैठा हुआ है? इन तमाम सारे मुद्दों पे सबकी खबर ने प्रदेश विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं गोविंद सिंह जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। उससे पहले आपको बतातें चले कि भिंड में प्रशासन और पुलिस प्रणाली पर सवालिया निशान खडे हो गए है। पिछले दिनों खबर आई थी कि तीन चार पत्रकारों को एसपी ऑफिस बुलाया गया। वहां चप्पलों से पीटा गया। फिलहाल यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी जवाब तलब किया है। इन तमाम सारे मुद्दों पर डा गोविंद सिंह का कहना है कि भिंड का प्रशासन और शासन समाप्त हो चुका है।
पुलिस के लोग रेत माफियाओं से मिलके मारधाड़ करके करोड़ों रुपए कमा रहे हैं
अराजकता का माहौल है पूरे जिले में मनमानी चल रही है। पुलिस के लोग रेत माफियाओं से मिलके और रेत माफिया वो हैं जो असामाजिक तत्व हैं। मारधाड़ करके करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। जब उनसे साठगांठ होगी वो लोग खुलेआम जब अपराधियों को लेते हुए बीच बाजार में घूमते हैं रात-रात भर हथियार लेके चोरी करके उत्तर प्रदेश रेत बेचते हैं। एक दिन में कम से कम 50 लाख से लेके 1 करोड़ की रेत चोरी हो रही है। केवल लहार विधानसभा में लहार विधानसभा में सिंध नदी जो है वो सबसे ज्यादा लहार विधानसभा में रेत खदान है। भिंड जिले में अटेर चंबल के किनारे है। घड़ियाल का क्षेत्र है। गोहद मेहगांव में बहुत कम है। सवाल दूरी है ही नहीं सिंध नदी से। पूरा का पूरा सिंध नदी का जो रेवेन्यू है रेत के मामले में वह लहार से प्राप्त हो रहा है। इस तरह का माहौल लहार में अभी इस समय है। दूसरी और विधायक के साले में डा सिंह ने कहा कि सुधांशु तो मुंबई से आने के बाद भिंड में कभी जेल मे गया ही नहीं जेल का तो दरवाजा तक नहीं देखा सुधाशु ने। और जेल तो वह अंदर गए ही नहीं। जेठ का तो शायद उन्होंने दरवाजा भी नहीं देखा। अस्पताल में या गेस्ट हाउस में आराम कर रहे हैं। मैंने पहले से कहा वास्तव में यहां कानून की चौपट है नहीं। व्यवस्था सत्यानाश हो चुकी है। आम आदमी भयभीत है। कई लोग तो पलायन कर चुके भय के कारण। व्यापार बंद हैं। छोटे-छोटे दुकानदार छोड़कर कोई गुजरात कोई अपने महाराष्ट्र अलग-अलग प्रांतों में भाग गए अपने छोटे धंधे करने के लिए। पूरी तरह से पुलिस के संरक्षण में अपराध बढ़े हैं।
विधायक के साले ने करोडों का फ्राड करके चुनाव में बहाया पैसा
जहां तक सुधांशु द्विवेदी का सवाल है वह लहार विधायक के साले हैं। उन्होंने कई कंपनियां बनाई। इसमें अकेले विधायक के साले के अलावा विधायक की पत्नी के नाम भी कंपनी है। सुधांश की पत्नी के नाम है। इनके विधायक अमरीश शर्मा के मतलब पत्नी की बड़ी बहन प्रियंका उसके पति अमित सोनी भी इसमें कंपनी बना के लूट कर रहे हैं। इन्होंने पूरा करोड़ों रुपए बिहार, गाजियाबाद, दिल्ली और इंदौर में करोड़ों रुपए अलग-अलग कंपनियों के नाम से, करोड़ों रुपए लूटा है। अब धीरे-धीरे वो पोल खुल गई है। ईडी के ने भी अपना काम चालू किया है और मुंबई की क्राइम ब्रांच ने भी इन्होंने कुछ इंदौर के मामले में उनको गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया था। साले के एक सहयोगी हैं रवि गुप्ता। चुनाव में जो इतना जो पैसा पहली बार पानी की तरह बहा गया था विधानसभा के चुनाव में वह पूरे पैसों के नियोजनकर्ता रवि गुप्ता ही थे। मुख्य प्रायोजक थे सुधांशु और अमरीश शर्मा उन्हीं के पैसे से उनके पैसे बांटने से चुनाव जीते हैं तो मजबूर हैं कि भाई साले का एहसान चुकाना है तो इसलिए उन्होंने क्योंकि वहां जब उन्होंने देखा मुंबई में मिलने गए तो वहां तकलीफ थी सुविधाएं नहीं थी जेल में तो कैसे उनको यहां लाए तो इस इस ये साजिश रच के जिसमें पुलिस अधीक्षक भिंड असीत यादव भी सब शामिल है। उनके इशारे पर उनके सब तय कर योजना तरीके बने कैसे इनको यहां लाया जाए। पुलिस अधीक्षक के घर पर योजना बनती है। लहार के टीआई नगर निरीक्षक पुलिस है रवींद्र शर्मा और कई ऐसे अपराधी किस्म के जो नगर निरीक्षक पुलिस है इनको एसपी ने पालतू बना के रखा है। गलत काम कराने के लिए इनको आगे करती है। उन्होंने बनाके बोला शातिर कोई संगीन अपराध हो और संगीन अपराध है बलात्कार तो बलात्कार के नाम पर डीएनए टेस्ट कराना है पूछताछ करना है ऐसी एफआईआर लहार थाने में 1 लाख% झूठी मैंने तो चुनौती दी है मैं प्रमाणित कर दूंगा एफआईआर झूठी है हमारे पास एक एक एफआईआर कौन करता है। डीजीपी और मुख्यमंत्री को मैंने सबूत भेजे है।