• विश्नोई ने पूछा- एक महीने बाद भी जांच पूरी क्यों नहीं हुई

  • समर्थन में उतरे पूर्व मंत्री भार्गव

भोपाल । मप्र में धान खरीदी में 5 करोड़ से ज्यादा का घोटाला पकड़ा गया है। इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। धान खरीदी के मामले में जबलपुर के पाटन से बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने विधानसभा के बजट सत्र में अपनी ही सरकार और सिस्टम को घेरा है। रहली से विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी इस मामले में उनके साथ खड़े नजर आए। सत्र के दूसरे दिन 11 मार्च को पाटन विधायक अजय विश्नोई ने कहा- मैं मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूं। जब मैंने उनको इस गंभीर घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने ईओडब्ल्यू की त्वरित कार्यवाही शुरू कराई। न सिर्फ जबलपुर बल्कि आसपास के जिलों में भी ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई हुई है। जबलपुर जिले के 22 लोगों को जेल भी भेजा गया है और शायद अभी और भी लोग जेल जाने की राह पर हैं। इस त्वरित कार्यवाही के लिए मैं मुख्यमंत्री जी और सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।

विश्नोई ने तीन मुद्दों पर जताई चिंता 1. विश्नोई ने कहा- मंत्री जी ने जानकारी दी कि जो परिवहन हुआ है उसके कुछ देयक (बिल) प्रस्तुत नहीं हुए हैं। यह बात तो सही है क्योंकि, शिकायत सामने आ गई। इसलिए देयक (बिल) पेश नहीं हुए। लेकिन यह जानकारी उनके संज्ञान में लाना चाह रहा था कि किस प्रकार से मिलिंग के लिए वे धान उठाते हैं, लेकिन ले नहीं जाते। वे अपने जिलों में ट्रांसपोर्टेशन चार्ज ले लेते हैं। मिलिंग का चार्ज भी ले लेते हैं और प्रोत्साहन राशि भी ले लेते हैं। और धान वहीं के वहीं बेच कर चले जाते हैं। इसे रोकने के लिए मंत्री जी क्या कोई ऐसी रीति नीति बनाएंगे, जिससे ऐसा फर्जीवाड़ा भविष्य में न हो।

2. मेरी जो दूसरी चिंता है वो यह है कि धान हो या दूसरी चीजें, उपार्जन के समय में जो गड़बड़ी होती हैं, उस पर एक बार संपूर्ण तरीके से रोक लगाने की जरूरत है। रोक लगाने के लिए मैंने सुझाव भी दिए हैं और मेरे कुछ प्रश्न भी हैं। जैसे धान का उपार्जन होता है या कोई भी दूसरी जींस का उपार्जन होता है, तो सहकारी समितियों के माध्यम से होता है। सहकारी समितियां आज के समय में कम बचीं हैं। जो बचीं हैं, उनमें से कई डिफाल्टर हो गई हैं। डिफाल्टर जिन कर्मचारियों के कारण हुईं हैं, उन्हीं कर्मचारियों को फिर से खरीदी के काम में दूसरी समिति के साथ में लगा दिया जाता है।

3. मेरी चिंता ये है कि एक तो किसान वंचित रह गए हैं। जिन्होंने धान दी है उनको भुगतान नहीं हुआ है। उनका भुगतान मंत्री जी कब तक करा देंगे? दूसरा इस पूरी कड़ी में एक कम्प्यूटर ऑपरेटर रहता है। कम्प्यूटर ऑपरेटर 89 दिन के ठेके पर रखा जाता है। वह भी एक आउटसोर्स एजेंसी रखती है। क्या उन कम्प्यूटर ऑपरेटर्स के कम्प्यूटर्स और आईडी की जांच कराकर पता करेंगे कि किस-किस कम्प्यूटर ऑपरेटर ने कहां-कहां किस प्रकार की गड़बड़िया की हैं?

सीएलएफ क्लस्टर लेवल सेल्फ हेल्प ग्रुप को जिम्मेदारी देने का सुझाव

क्या हम डिफाल्टर समितियों के उन कर्मचारियों को इस ड्यूटी से अलग रखेंगे? फिर जब कर्मचारियों को ड्यूटी दी जाती है तो, एक-एक व्यक्ति को तीन-तीन, चार-चार केंद्रों की जवाबदारी दे दी जाती है, जिसका वह निर्वहन नहीं कर पाता है। तो क्या हम इसके बजाय स्वसहायता समूह की बहनों के जो सीएलएफ क्लस्टर लेवल सेल्फ हेल्प ग्रुप हैं, उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं दे सकते। अभी जबलपुर में कलस्टर लेवल की महिलाओं ने बहत अच्छा काम करके दिखाया है। तो क्या हम इन डिफाल्टर समितियों के कर्मचारियों की बजाय उनसे उनका काम लेंगे? मंत्री जी से इन चीजों के बारे में कृपया जवाब चाहिए

 

मंत्री बोले- दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा- विश्नोई जी ने ने डिफाल्टर की बात की है तो दोषी समिति कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की गई है। यथासंभव लोकल व्यवस्था के आधार पर जो भी जरूरी होगा, उन उपार्जन केंद्रों पर हम ऐसी कार्यवाही करेंगे। चूंकि इसमें सहकारिता विभाग भी आता है, हम सहकारिता विभाग के सहयोग से कार्यवाही करेंगे।

एक महीना बीतने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई अजय विश्नोई ने कहा- जो फर्जी आरओ दिए गए थे। उनके परिवहन के लिए हर आरओ पर ट्रक का नंबर लिखा रहता है। ट्रक यहां से चलकर ग्वालियर, उज्जैन, मुरैना जाएगा, तो कई टोल नाके पार करेगा। जांच करना मुश्किल काम नहीं है। लेकिन, एक महीने से ज्यादा समय हो गया है, अभी तक जांच कम्पलीट नहीं हुई है। उसकी जांच जल्दी करने के लिए निर्देशित करें।

271 किसानों का भुगतान जल्दी होगा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा- निश्चित रूप से कम्प्यूटर ऑपरेटर्स की गड़बड़िया जहां पर सामने आई हैं, उनकी जांच करवाई जाएगी। कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी। किसी भी कम्प्यूटर ऑपरेटर को बख्शा नहीं जाएगा। जहां तक विधायक जी ने भुगतान की बात की है तो 271 किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है। हम जल्द से जल्द उनके भुगतान की व्यवस्था करेंगे।

भार्गव बोले- उपार्जन का काम दो-तीन विभाग देखते हैं इस बीच पूर्व मंत्री और रहली विधायक गोपाल भार्गव ने कहा- मेरा सुझाव है कि विश्नोई जी ने जो अभी ध्यानाकर्षण के माध्यम से प्रश्न उठाया है, यह एक आपराधिक घटना के परिप्रेक्ष्य में ईओडब्ल्यू जांच से था। मेरा एक सुझाव है कि चूंकि उपार्जन का काम दो-तीन विभाग देखते हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग और सहकारिता विभाग भी है।

इस पर मंत्री राजपूत ने कहा- आपके पास तो दोनों विभाग रहे हैं।

गोपाल भार्गव बोले- मेरे पास तो दोनों रहे हैं, मेरे पास तो अनेक विभाग रहे हैं। हम महिलाओं के समूहों के बारे में भी सोच सकते हैं या अन्य कोई दूसरी ऑप्शनल व्यवस्था के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन सहकारिता और खाद्य नागरिक विभाग के कर्मचारी ही सटीक तरीके से उत्तरदायित्व का निर्वाहन कर पाएंगे। प्रमाणिक भी होगा, गबन कम से कम होंगे, अनियमितताएं कम से कम होंगी। यदि आप एक स्थायी कर्मचारी की पूरे राज्य की सभी समितियों में नियुक्ति कर लें।