आपदा में स्पॉट पर पहुंचेगा एम्स पोर्टेबल अस्पताल

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12 मिनट में होगा तैयार, 200 का होगा सकेगा इलाज
भोपाल। एम्स भोपाल पोर्टेबल अस्पताल का इस्तेमाल करेगा। इन पोर्टेबल अस्पताल को आपात स्थिति में कहीं भी ले जा सकते हैं और इलाज से लेकर ऑपरेशन तक इसमें हो सकते हैं। इन अस्पताल को भीष्म क्यूब (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित और मैत्री) नाम दिया गया है। किसी प्रकार का एक्सीडेंट या आपदा के दौरान घायलों को अस्पताल ले जाने और इलाज शुरू होने में देरी जैसी स्थिति से बचने के लिए एम्स भोपाल पोर्टेबल अस्पताल का इस्तेमाल करेगा। इन पोर्टेबल अस्पताल को आपात स्थिति में कहीं भी ले जा सकते हैं और इलाज से लेकर ऑपरेशन तक इसमें हो सकते हैं। इन अस्पताल को भीष्म क्यूब (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित और मैत्री) नाम दिया गया है। प्रदेश में पहला मौका है जब इस तरह के अस्पताल का उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है किनइन अस्पताल को केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग और रक्षा विभाग ने तैयार किया है। इसका उद्देश्य है संकट के समय तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करना है।
एक यूनिट में 36 बॉक्स
एम्स को इस अस्पताल के दो यूनिट मिले हैं। एक यूनिट में 36 बक्सों में पैक होता है, जिन्हें एक मास्टर क्यूब में संगठित किया गया है। आश्चर्य की बात यह है कि महज 12 मिनट में इस पोर्टेबल अस्पताल को पूर्ण रूप से तैयार किया जा सकता है।विज्ञापन
यह हैं सुविधाएं
इन क्यूब की सबसे बड़ी खासियत इनका सोलर एनर्जी से चलना है। इसक साथ ही भीष्म क्यूब से एक बार में 200 लोगों का इलाज संभव है। इसमें एक ऑपरेशन थियेटर, आवश्यक दवाइयां, स्ट्रेचर, छोटा जनरेटर, रक्त परीक्षण उपकरण, एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटरआदि उपकरण शामिल हैं।