मराठी एकता पर उद्धव-राज 20 साल बाद एक मंच पर

-
राज ठाकरे बोले- आप किसी पर हिंदी नहीं थोप सकते
-
किसी भी झगड़े से महाराष्ट्र बड़ा
मुंबई महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की 'मराठी एकता' पर मुंबई के वर्ली डोम में रैली जारी है। इस मौके पर राज ठाकरे ने कहा , 'मैंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। 20 साल बाद हम एक मंच पर आए हैं आपको दिख रहे हैं। हमारे लिए सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी एजेंडा है, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'जो बाला साहेब ठाकरे नहीं कर पाए, जो और कोई नहीं कर पाया, वो देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया, हमें एक कर दिया। आपके पास विधान भवन में ताकत है, लेकिन हमारे पास सड़कों पर ताकत है।' इसे 'विजय रैली' नाम दिया गया है। इसमें कांग्रेस और एनसीपी शामिल नहीं हुई है। यह रैली किसी भी झंडे या पार्टी के बैनर तले नहीं की जा रही है। कहा गया है कि 'मराठी एकता' के लिए सभी दल साथ आ सकते हैं। उधर, करीब 20 साल बाद उद्धव- राज ठाकरे एक मंच पर नजर आएंगे। आखिरी बार 2006 में बाला साहेब ठाकरे की रैली में साथ दिखे थे। उद्धव को शिवसेना का मुखिया बनाने के बाद राज ने अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) बनाई थी। दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने इस साल 16 और 17 अप्रैल को हिंदी अनिवार्य करने से जुड़े दो आदेश दिए थे। इसके विरोध में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 5 जुलाई को संयुक्त रैली का ऐलान किया था। बाद में 29 जून को सरकार ने दोनों आदेश रद्द कर दिए। इस पर उद्धव दावा किया कि विपक्षी पार्टियों के विरोध की वजह से सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा। उन्होंने 5 जुलाई की विरोध रैली को भी विजय रैली के रूप में करने की बात कही थी।