12 कंटेनर कड़ी सुरक्षा में सुबह 5 बजे पीथमपुर पहुंचे
आष्टा में लगा 3 किलोमीटर जाम

भोपाल। भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा आखिरकार 40 साल बाद हट गया। भोपाल से बुधवार रात 9 बजे कचरे से भरे 12 कंटेनर हाई सिक्योरिटी के बीच पीथमपुर के लिए रवाना किए गए। कंटेनर आष्टा टोल पर पहुंचे तो 3 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। 250 किमी का सफर 8 घंटे में तय कर सुबह 5 बजे सभी कंटेनर पीथमपुर के आशापुरा गांव स्थित रामकी एनवायरो फैक्ट्री पहुंचे। यहां इस कचरे को जलाया जाएगा। यहां भी रातभर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। इस बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। कंटेनर निकालने के लिए आगे-पीछे 2 किमी तक ट्रैफिक रोका गया। कोहरे के कारण भी सफर थोड़ा मुश्किल रहा। कंटेनर्स के आगे पुलिस की 5 गाड़ियां थीं। 100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। आष्टा के अलावा भी कुछ जगह जाम के हालात बने। बता दें, 10 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भोपाल से ये जहरीला कचरा हटाया जा सकता है। इससे यूनियन कार्बाइड परिसर के 3 किलोमीटर दायरे की 42 बस्तियों का भूजल प्रदूषित हो चुका है।
कचरा पीथमपुर ले जाने की प्रोसेस 4 दिन चली
कचरे की शिफ्टिंग की प्रोसेस रविवार दोपहर से शुरू हुई थी। 4 दिन बैग्स में 337 मीट्रिक टन कचरा पैक किया गया। मंगलवार रात से इसे कंटेनर्स में लोड करना शुरू किया। बुधवार दोपहर तक प्रोसेस पूरी कर ली गई और रात में इसे पीथमपुर रवाना किया गया। दरअसल, हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक इस जहरीले कचरे को हटाने के निर्देश दिए थे। 3 जनवरी यानी शुक्रवार को सरकार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करना है।