8 जिलों में महिलाओं को मिलेगा मौका
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- भोपाल और इंदौर में रिपीट नहीं होंगे भाजपा जिलाध्यक्ष
भोपाल। भाजपा में जिलाध्यक्षों की सूची को लेकर पार्टी में अंदरूनी घमासान और मतभेद जल्द ही थम सकते है। राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ बुधवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद की बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि 4 साल से ज्यादा वक्त का कार्यकाल पूरा कर चुके किसी भी जिलाध्यक्ष को रिपीट नहीं किया जाएगा। भाजपा देशभर में अपने जिला अध्यक्षों को रिपीट न करने के फॉर्मूले पर सख्ती से काम कर रही है। भोपाल के सुमित पचौरी और इंदौर गौरव रणदिवे के युवा होने के कारण दोबारा मौका देने की वकालत की जा रही थी, लेकिन अब यहां नए युवा चेहरों को मौका दिया जाएगा। इसके साथ ही कुल 18 जिलों में मौजूदा युवा जिलाध्यक्षों के रिपीटेशन पर तलवार लटक गई है। अब इनमें से ज्यादातर को बदला जाएगा। वहीं आठ महिला जिला अध्यक्ष बनाई जाएंगी। इसके अलावा आदिवासी और दलित वर्ग से भी पांच-पांच जिलाअध्यक्ष बनाएं जाएंगे। ऐसी मप्र में पहली बार भाजपा करने जा रही है।
ग्वालियर के मौजूदा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी काफी उम्रदराज हो चुके हैं, इसलिए उनकी जगह जयप्रकाश राजौरिया, आशीष अग्रवाल या हरीश मेवाफरोश में से किसी एक को जिम्मेदारी दी जा सकती है। भोपाल में पार्षद रवींद्र यती और इंदौर में सुमित मिश्रा और टीनू जैन के नाम आगे बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सागर और धार जिलों में भाजपा दो-दो जिलाध्यक्ष बनाने जा रही है। यदि ऐसा होता है, पार्टी में जिलाध्यक्षों की संख्या 60 से बढ़कर 62 हो जाएगी। देवरी, रहली और बंडा को मिलाकर एक नया जिला बनाया जाना प्रस्तावित है। बीना, खुरई, सुरखी, नरयावली और सागर को मिलाकर एक जिला बनेगा। धार और पीथमपुर के शहरी इलाकों को एक साथ रखते हुए और बाकी ग्रामीण क्षेत्र को अलग कर दो जिलाध्यक्ष बनेंगे।