सीएम बोले- अगले साल से लैपटॉप देंगे, विभाग तैयार कर ले

भोपाल । मध्यप्रदेश में आज मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप राशि दी गई। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत 94,234 मेधावी विद्यार्थियों को ₹25-25 हजार की राशि प्रदान की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, कई बार देखा गया है कि छात्रों के परिवार लैपटॉप राशि को दूसरे कार्यों में खर्च कर देते है। ऐसे में हम कोशिश करेंगे कि अगले साल से सीधे अच्छी कंपनी के लैपटॉप दिए जाए। सीएम ने बताया कि इस साल योजना के लाभार्थियों में 60% बेटियां हैं। 56,246 बेटियां और 37,988 बेटे। उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि बेटियां न केवल बराबरी कर रही हैं, बल्कि पढ़ाई में आगे भी निकल रही हैं। अब बेटों को अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी।

सरकारी स्कूलों ने पछाड़ा प्राइवेट स्कूलों को

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार 52% लाभार्थी सरकारी स्कूलों से हैं, जबकि 48% प्राइवेट स्कूलों से। यह पहली बार है जब सरकारी स्कूलों के बच्चों का प्रतिशत प्राइवेट स्कूलों से अधिक रहा है। यह उपलब्धि स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षकों और माता-पिता के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा, लैपटॉप कोई दिखावटी ट्रॉफी नहीं है, यह ज्ञान की असली कुंजी है। एक किताब, एक लैपटॉप और एक गुरु – यही जीवन के सच्चे साथी हैं।

75% या उससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों को मिली राशि

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को यह लाभ मिला। योजना के तहत छात्रों को सीधे उनके बैंक खाते में ₹25,000 की राशि भेजी जाती है ताकि वे अपनी पसंद का लैपटॉप खरीद सकें।

94 हजार 234 स्टूडेंट्स को मिला लैपटॉप

अब तक 4.32 लाख छात्रों को मिला लाभ

  • योजना की शुरुआत: 2009-10
  • अब तक लाभार्थी: 4.32 लाख विद्यार्थी
  • अब तक कुल राशि वितरित: ₹1080.04 करोड़
  • 2025 में वितरित राशि: ₹235.58 करोड़
  • 2025 में लाभार्थी: 94,234 छात्र

सीएम बोले- हमारे बीच नेता क्यों नहीं निकलते?’

मुख्यमंत्री ने बच्चों से संवाद करते हुए एक सवाल उठाया तुम में से कोई यह क्यों नहीं कहता कि मैं नेता बनूंगा, चुनाव लड़ूंगा, देश की सेवा करूंगा? डॉक्टर, इंजीनियर, IAS बनना बहुत अच्छा है, लेकिन समाज को चलाने के लिए अच्छे नेताओं की भी जरूरत है। सुभाष चंद्र बोस का जिक्र करते हुए कहा- स्वाभिमान सबसे बड़ा बल है, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ICS जैसी बड़ी परीक्षा पास की थी, लेकिन उन्होंने उस डिग्री को फाड़कर फेंक दिया। कहा मैंने यह परीक्षा अंग्रेजों को बताने के लिए दी थी कि भारतीयों में बुद्धि की कोई कमी नहीं। ऐसा स्वाभिमान ही इस देश को आगे ले गया है।”

मेडिकल और इंजीनियरिंग छात्रों को 80 लाख तक की मदद

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ऐसे छात्रों की फीस भर रही है, जिन्हें प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया है लेकिन आर्थिक स्थिति कमजोर है। 80 लाख तक की मदद सरकार दे रही है। शर्त सिर्फ इतनी है कि वह बच्चा नीट क्वालिफाई करे और पढ़ाई के बाद 5 साल तक प्रदेश में सेवा करे।

जनजातीय छात्रों के लिए निशुल्क तैयारी केंद्र

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में पहली बार आदिवासी छात्रों के लिए JEE, NEET, IAS और NET जैसी परीक्षाओं की तैयारी हेतु निशुल्क छात्रावास, भोजन और कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है। हर संभाग में लड़के-लड़कियों के लिए आवासीय केंद्र और प्रत्येक केंद्र के लिए ₹25-25 करोड़ की राशि मंजूर की है।

शाह ने कहा, आजादी के बाद पहली बार आदिवासी बच्चे भी बड़े सपने देख सकते हैं और प्रशासनिक सेवाओं में भागीदारी कर सकते हैं।” कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा, पहली बार शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही किताबें, बैग और अब लैपटॉप भी समय पर दिए जा रहे हैं। पहले यह योजना केवल 500 विद्यार्थियों के लिए थी, आज 94,000 से अधिक छात्र इसका लाभ ले रहे हैं।

कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित रहे

सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, विष्णु खत्री, विधायक अभिलाष पांडे, महापौर मालती राय, जिला अध्यक्ष रविंद्र यति, स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, जनजातीय मंत्री विजय शाह, आयुक्त शिल्पा गुप्ता व संचालक डीएस कुशवाह सहित सैकड़ों छात्र, शिक्षक और अधिकारी इस ऐतिहासिक आयोजन के गवाह बने।