क्या वाकई शिवराज की आंखों पर पट्टी बांधकर आजीविका मिशन में चलती रही लूटपाट?
भोपाल, सबकी खबर।
मध्य प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आने लगा है और उसकी परतें खुलने लगी हैं और यह घोटाला हुआ है तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में और इस घोटाले के लिए यदि कोई दो व्यक्ति जिम्मेदार हैं तो एक हैं तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और दूसरे हैं राष्ट्रीय आजीविका मिशन के जो सीईओ हैं ललित मोहन बेलवाल। सबकी खबर लंबे समय से इस विषय को उठाते रहे हैं। यदि आप हमारे चैनल पर जाएंगे तो एक नहीं कई स्टोरियां आपको मिलेंगी। हम लगातार कह रहे हैं कि आजीविका मिशन भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा है। लेकिन कोई मान नहीं रहा था। अब एक-एक करके परतें खुलने लगी हैं और आजीविका मिशन मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का एक अड्डा साबित होने लगा है। गुरूवार को प्रदेश के सबसे बड़े समाचार पत्र दैनिक भास्कर ने इसका भौतिक सत्यापन किया है। यानी मध्य प्रदेश में जो दावा किया जा रहा है कि आजीविका मिशन ने पूरे प्रदेश में 4 लाख महिलाओं के समूह बनाए हैं और जिसके जरिए 58 लाख महिलाओं को रोजगार दिया है। यह कितना बड़ा झूठ साबित हुआ है ये दैनिक भास्कर ने आज अपनी रपट में दिया है। दैनिक भास्कर के कई संवाददाताओं की टीम मैदान में उतरी है और 100 समूह जो हैं स्वयंहायता समूह इन समूहों को की मौके पर जाकर हकीकत को देखने की कोशिश की है। आप जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि 90% से ज्यादा भ्रष्टाचार है। आप सोचिए कि केवल ललित मोहन बेलवाल ने पिछले 3 साल में ₹3500 करोड़ की खरीदी की है और इस ₹3500 करोड़ में यदि 90% भ्रष्टाचार की बैठ चढ़ाए तो आप अंदाज लगा लीजिए कि क्या हुआ होगा और इस ललित मोहन बेलवाल को जिस बेशर्मी के साथ तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह ने पोस्ट कराया उसकी हकीकत हम पहले भी बता चुके हैं। हमने कहा था कि अब देखिए धीरे-धीरे धीरे-धीरे यह एफआईआर बढ़ती चली जाएंगी। अभी ईओब्ल्यू ने पहली एफआईआर की है ललित मोहन के खिलाफ और ये एफआईआर हुई है कहीं किस लिए कि उसने जो अवैध नियुक्तियां की थी लेकिन अब धीरे-धीरे वो परतें भी खुलने लगी हैं। विधानसभा के अंदर इस समय जो पंचायत मंत्री हैं प्रहलाद पटेल उन्होंने बाकायदा सारे दस्तावेज रख दिए हैं कि ललित मोहन की नियुक्ति कैसे हुई। वो देखकर सब लोग हैरत में हैं कि उस समय एसीएस जो थे मनोज श्रीवास्तव वो लिखकर विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि आजीविका मिशन का सीईओ का पद आईएएस कैडर का है। इस पद को अन्य किसी को संविदा नियुक्ति पे नहीं दिया जा सकता है। लेकिन बेशर्मी के साथ तत्कालीन मुख्य सचिव कह रहे हैं कि नहीं उसको देना ही है आपको। मुख्यमंत्री से बात हो गई। आप आदेश निकालिए। फाइल मुख्यमंत्री
के यहां भेजी तक नहीं गई है और यह सारे दस्तावेज अब सामने आ चुके हैं और जब मुख्य सचिव जैसा अधिकारी बार-बार लिख रहा है कि इसके आदेश निकाल दीजिए लेकिन इसकी कॉपी इन सबको भेज दो जीएडी को भेज दो प्रभारी मंत्री को भेज दो विभागीय मंत्री को भेज दो सीएम को भेज दो ताकि यदि किसी को आपत्ति है तो कम से कम बात सामने आ जाए इसके बाद भी ललित मोहन बेलवाल की नियुक्ति हुई और इस ललित मोहन बेलवा वाल भ्रष्टाचार के सरगना ललित मोहन बेलवाल ने बेशर्मी के साथ भ्रष्टाचार किया है। दैनिक भास्कर ने जो छापा है इन्हने यह कहा है कि 58 लाख को रोजगार देने की बात की है। लेकिन यहां तो लग रहा है 5 लाख लोगों को भी रोजगार नहीं मिला है। कितना बड़ा झूठ कितना बड़ा फरेब शिवराज जी आप वैसे तो मामा बनते हैं। लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर आप धतराष्ट्र क्यों बने रहे? भ्रष्टाचार के धृतराष्ट्र आप क्यों बने रहे? क्यों नहीं आपने कारवाई की? यह जो इकबाल सिंह बैस है इसने कौन सी पट्टी आपकी आंखों पर बांधी थी? यह पैसा कोई इकबाल सिंह जी के परिवार का पैसा नहीं है। यह पैसा शिवराज जी के परिवार का पैसा नहीं है। यह पैसा मध्य प्रदेश की 9 करोड़ जनता के खून पसीने की कमाई है। जो आप भ्रष्टाचार में लूट चुके हो। क्या इनको गिरफ्तार किया जाएगा? क्या इकबाल गिरफ्तार हो के जेल जाएंगे? क्या इनके गले में हाथ डाल के हमारी जांच एजेंसियां यह भ्रष्टाचार का पैसा निकलवा पाएंगी? क्या इन्हें सीटों तक पहुंचाएंगी? क्या ललित मोहन बेलवाल गिरफ्तार होंगे?