भाजपा नेताओं का कहना साफ - जिलाध्यक्ष पार्टी लाईन पर चलें, बच्चों पर अंकुश रखें
भोपाल, सबकी खबर।
भारतीय जनता जनता पार्टी ने एक महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें जिला अध्यक्ष, प्रभारी, प्रभारी मंत्री और संगठन के पदाधिकारियों के बीच समन्वय की बात हुई है। कार्यकर्ताओं को महत्व देने की बात हुई है। दिशा निर्देश दिए गए हैं। पहले भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में बैठक हुई। उसके बाद दोबारा मुख्यमंत्री आवास पर भोजन के साथ इनके साथ चर्चा हुई। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के आने के बाद इस बैठक एक चर्चात्मक बैठक रहती है कि परिचय होता है नए अध्यक्ष के साथ और सीधी-सीधी बात है कि मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के जितने पदाधिकारी हैं जितने जिला अध्यक्ष हैं उन सबको नए अध्यक्ष को समझना उनकी नीति नीति को समझना तो बुधवार की बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी कि बुधवार को नए अध्यक्ष ने अपना सीधा-सीधा संदेश पार्टी को दिया है। यद्यपि तीन नेताओं के संदेश हुए हैं। हेमंत खंडेलवाल का हुआ है। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के जो प्रभारी हैं डॉ. महेंद्र सिंह उनका हुआ है। और राष्ट्रीय संगठन सह संगठन मंत्री हैं भारतीय जनता पार्टी के जिन पर मध्य प्रदेश का प्रभार है। शिव प्रकाश जी का हुआ है। तो यह महत्वपूर्ण बैठक इसलिए है कि बुधवार को शाम 4:00 बजे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सारे प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, जिले के प्रभारी, संभाग के प्रभारी और यह जो वरिष्ठ नेता हैं इन्हने बैठकर मंथन किया है और मंथन क्या किया है? सीधा-सीधा संदेश दिया है। हेमंत खंडेलवाल का पहला संदेश है कि मध्य प्रदेश में किसी भी प्रदेश पदाधिकारी को और संगठन के किसी भी अध्यक्ष को या पदाधिकारी को यह गुमान नहीं होना चाहिए कि उन्हें किसी नेता ने पार्टी का अध्यक्ष बनाया है। पार्टी ने उनको चयन किया है और पार्टी के हर कार्यकर्ता को साथ लेके चलना उनका दायित्व है। पहेमंत खंडेलवाल ने वह कहा है जो वे अपने जीवन में खुद महसूस करते हैं या खुद उनके जीवन शैली में दिखाई देता है। दूसरा संदेश है कि परिवार को पार्टी में आगे ना बढ़ाएं। अब हेमंत खंडेलवाल को यह क्यों कहना पड़ा? आप समझ सकते हैं क्योंकि जिस तरह का उनके जो आजकल नेताओं के जो बच्चे कर रहे हैं पूरा परिवार कमाई पर लग जाता है। खंडेलवाल ने इशारे इशारे में संदेश दे दिया है कि पार्टी ने जिम्मेदारी आपको दी है। अध्यक्ष आपको बनाया है। आपके बेटों को नहीं बनाया। आगे उन्होंने यह कहा भी है कि ऐसा ना हो कि पार्टी की बैठक को आपका बेटा भाषण देकर चला आए। यानी कि सीधा-सीधा संदेश दे दिया है कि पार्टी ने आपको बनाया है। नेता ने नहीं बनाया और आपको जिम्मेदारी दी तो आपका दायित्व है कि पूरी पार्टी आपका परिवार है। आपके बेटे, भाई और यदि आपकी पत्नी यह परिवार नहीं है। तीसरा एक और संदेश है हर कार्यक्रम में प्रदेश, जिला व अन्य पदाधिकारियों को सम्मान के साथ आमंत्रित करें। सीधा संदेश है हेमंत जी का कि कोई छूटना नहीं चाहिए। किसी की उपेक्षा नहीं होना चाहिए। जिला अध्यक्षों को यह संदेश है। उन्होंने यह भी कहा है कि जिलों में हम पर्यवेक्षक नियुक्त कर रहे हैं और समन्वय की बहुत आवश्यकता है। एक संदेश और है कि जो बैठक है उसमें कोऑर्डिनेशन का ध्यान रखें। सांसद हो, विधायक हो, मंत्री हो, पदाधिकारी हो, प्रदेश के हो, जिले के हो, सब में ऐसा कोऑर्डिनेशन बिठाइए कि ऐसा लगना चाहिए कि यह पार्टी नहीं है, यह हमारा परिवार है। तो पहली बैठक में हेमंत खंडेलवाल ने जो संदेश दिया है वो साफ कह रहे हैं कि पट्ठेबाजी नहीं चलेगी। आपने किसी ने भी आपको बना दिया हो। पट्ठेबाजी नहीं चलेगी। आप किसी के भी राजनीतिक पट्ठे हो या आप किस आपके कोई पट्ठे हो मतलब आप पट्ठे का मतलब यहां बेटा भी है और वह भी है जो आप जिस जिससे आप आपको जिसने मदद की है आप यहां तक पहुंच गए लेकिन मदद पार्टी ने ही की है वजह पार्टी ही है इसलिए आप आपको पार्टी के प्रति निष्ठावान रहना पड़ेगा। दूसरी ओर महेंद्र सिंह जो प्रभारी हैं डॉ महेंद्र सिंह उन्होंने भी सोशल मीडिया पर बहुत जोर दिया समन्वय पर बहुत जोर दिया। उनका कहना है कि आज सोशल मीडिया का जो महत्व है उसे समझने की आवश्यकता है। इस बात पे उन्होंने दुख व्यक्त किया कि 62 जिला अध्यक्ष हैं और एक्स जिसे हम Twitter कहते हैं उस पर मात्र सात जिला अध्यक्ष हैं। तो इस पे उन्होंने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि कई जिला अध्यक्ष सात-सात दिन तक कोई ट्वीट नहीं करते हैं। तो उनका यह कहना था कि आप मैन टू मैन तो जुड़िए लेकिन मास लेवल पे जुड़ना है तो आप सोशल मीडिया का उपयोग करिए। तो महेंद्र सिंह ने जो सोशल मीडिया पे व्याख्यान आख्यान कुछ भी कह लें। महेंद्र सिहं ने जो पाठ पढाया वह सोशल मीडिया और सोशल मीडिया के ताकत को समझाने की कोशिश की है। आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने यदि इसका उपयोग किया तो यह और ज्यादा ताकतवर हो के उभरेगी। उन्होंने जो जिला अध्यक्षों को कहा है कि सोशल मीडिया पर निष्क्रिय रहना पार्टी के संगठन के हित में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि छह-छह दिन जिला अध्यक्ष मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं करते। यह उचित नहीं है। यहां तक कह दिया कि मैं तो इसकी निंदा भी करता हूं। यह निंदनीय है। इसमें चेतावनी भी दी है। संदेश साफ हैं अब आने वाले समय में भारतीय जनता पार्टी का जो स्ट्रक्चर होगा वो सोशल मीडिया पे और ज्यादा दमदार होगा। यह भारतीय जनता पार्टी में सीधा संदेश देने की जो परंपरा है उसे नोट करना पड़ता है और उसके बाद में फीडबैक लिया जाता है। श्री सिंह ने होमवर्क दिया है अपने जिला अध्यक्षों को पदाधिकारियों को और इस होमवर्क का अगली बैठक में आप देखना कि इससे पूरा के पूरा मांगा जाएगा कि बताइए आपने क्या किया? 62 में से केवल सात जिला अध्यक्ष सक्रिय है एक्स पे। उस उन्होंने इसे हास्यास्पद बताया है। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर जैसे महानगरों के जो जिला अध्यक्ष है वो सोशल मीडिया पे निष्क्रिय हैं। उनके पेज नहीं है। दो दिन तक कोई पोस्ट नहीं होती। उन्होंने एक तरह से तंज कसा है इन पर कि आप तो महानगर में बैठे हो और आपका उदाहरण हम लोग नीचे के जिलों में छोटे-छोटे जिलों में देते हैं। तो ये जो महानगर के जिला अध्यक्ष हैं इनकी एक तरह से खिंचाई की गई है। हालांकि भोपाल के रविंद्र यती तो बहुत एक्टिव रहते हैं लेकिन पता नहीं क्यों उनकी भी खिंचाई हुई है। रविंद्र यती को भी एक्टिव होना पड़ेगा उनको। उनका यह भी कहना है डॉक्टर महेंद्र सिंह का कि जब जिला अध्यक्ष निष्क्रिय होगा तो हम पार्टी के अन्य कार्यकर्ता से कैसे उम्मीद करते हैं। उन्होंने ये कहा है पार्टी पदाधिकारियों से कि आप हमारी आईटी टीम के भरोसे मत बैठो। आईटी टीम को फॉलो करो। आप दोनों में अंतर है। हम क्या करते कई बार जिला जिला अध्यक्ष पार्टी के अध्यक्ष होते हैं। अरे हमारे सारी चीजें तो हमारा जो वो जो है आईटी अध्यक्ष वो प्रचार प्रसार करेगा उसका जिम्मा है। लेकिन यहां यह संदेश देने की कोशिश की है कि आईटी सेल को भोपाल से मैसेज जाता है। वो लाइन बनाता है और उस लाइन पे चलने का काम जिला अध्यक्ष का भी है और अन्य लोगों का भी है। यह एक और पॉइंट मेरे पास जो मैंने नोट किया है। बार-बार आग्रह और चेतावनी के बाद भी यदि सुधार नहीं हो रहा है तो संगठन को फिर आगे सोचना पड़ेगा। मतलब यहां धमकी भी है एक तरह की कि यदि आप नहीं कर रहे हैं तो सोच लीजिए आपकी कुर्सी खतरे में है। ये महेंद्र डॉ. महेंद्र सिंह ये कोई हवा में बात नहीं कर रहे हैं। ये ऐसी चेतावनी है कि यदि आपने बात को नहीं माना तो फिर आपको बदल के दूसरे व्यक्ति को कुर्सी पर बिठाने में इन्हें टाइम नहीं लगेगा और ये सक्षम है। शिव प्रकाश ने कहा है कि कही है कि आप जिलों में वर्चुअल मीटिंगों पर बहुत डिपेंड नहीं हो। एक्चुअल मीटिंग भी करें लोगों के साथ। अब शिव प्रकाश जी ने जो भी निर्देश दिए उन्होंने प्रभारी मंत्रियों को भी कुछ निर्देश दिए हैं। इसलिए कि मुख्यमंत्री की आवास पर फिर प्रभारी मंत्रियों के साथ भी बैठक हुई थी। उन्होंने उस पर भी कुछ कहा है। जिला अध्यक्षों को भी कुछ कहा है। हरदा का जो जिले जिला अध्यक्ष है बीजेपी के वहां पर जो बैठक होनी थी यह जो इमरजेंसी को लेके बैठक थी आपातकाल को लेकर तो वो कलेक्टेट कार्यालय में हुई लेकिन जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर वो अह भारतीय जनता पार्टी के जिलाधीश की कुर्सी पर जिला अध्यक्ष बैठ गए। शिव प्रकाश जी ने जो कुछ कहा है। देखिए शिव प्रकाश जी इस समय मध्य प्रदेश में एक ऐसे सशक्त हस्ताक्षर हैं भारतीय जनता पार्टी में जिन्हें एक तरह से आप कह सकते हैं। एक समय कुशवाऊ ठाकरे का सम्मान था। उनको लोग सम्मान देते थे। आज इस समय भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में यदि किसी का सम्मान है तो शिव प्रकाश जी का है और ऐसा लगता है कि शिव प्रकाश जी आने वाले समय में बीएल संतोष का स्थान भी ले सकते हैं। तो शिव प्रकाश जी की बात को यहां आदेश नहीं अध्यादेश माना जाने लगा है। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में शिव प्रकाश जी की बात को आदेश नहीं सबसे पहला पॉइंट जो दिया है और जिला अध्यक्षों से कहा है कि आप जब प्रभारी मंत्री क्योंकि कल प्रभारी मंत्रियों के साथ बैठक हुई सीएम हाउस में और उन्होंने जिला अध्यक्षों से कहा है कि आप यदि प्रभारी मंत्रियों के पास ट्रांसफर पोस्टिंग परिवार परिजनों की नियुक्ति और निजी काम लेकर जाते हैं तो यह उचित नहीं है। यदि आप जा रहे हैं तो संगठन के विस्तार पर ध्यान दें। मतलब यदि आप जिला जिला जिले के प्रभारी मंत्रियों से मिल रहे हैं तो आपका उद्देश्य संगठन पहली प्राथमिकता होना चाहिए। संगठन का विस्तार पहली प्राथमिकता सत्ता सत्ता का उपयोग कर उपभोग करने के चक्कर में मत पड़िए ज्यादा। जी जी देखिए फिर भी यह कहा बेशक है। लेकिन आप और हम जानते हैं कि यदि जिला अध्यक्ष की कोई पारिवारिक समस्या है और वो बताते हैं तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन दि उसमें कोई आर्थिक हित छुपा है तो उसको ब्रेक करने की कोशिश की है। दूसरा है जिला अध्यक्ष के तीन काम कार्य कार्यकर्ता वर्गों को सम्मान देकर सक्रिय करें। समन्वय बनाकर कार्य करें और कार्यकर्ता भ्रमित ना हो इसकी चिंता करें। अब कार्यकर्ता भ्रमित ना हो इसका मतलब आप समझ सकते हैं कि कोई विपक्षी पार्टी उनको कोई बरगला ना दे। कोई यह ना कह दे कि इस पार्टी में तो करप्शन है या बहुत सारी चीज हो सकती है। उपेक्षा का शिकार ना हो।