मालेगांव केस पर फडणवीस का बड़ा बयान: "आतंकवाद भगवा था, न है, न रहेगा
मुंबई: महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट में एनआईए कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट के फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। सीएम फडणवीस ने कहा कि आतंकवाद कभी भगवा नहीं था, नहीं है और कभी नहीं होगा। गौरतलब को ही सितंबर, 2008 में जब मालेगांव ब्लास्ट हुआ था तब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित समेत 11 लोगों को अरेस्ट किया गया था। एटीएस से जांच एनआईए के हाथ में होने के बाद कुल आरोपियों की संख्या घटकर सात रह गई थी। एनआईए कोर्ट ने फैसल सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने यह तो साबित कर दिया कि मालेगांव में विस्फोट हुआ था, लेकिन यह साबित नहीं कर पाया कि उस मोटरसाइकिल में बम रखा गया था। अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि घायलों की संख्या 101 नहीं, बल्कि 95 साल थी और कुछ मेडिकल सर्टिफिकेट में हेराफेरी की गई थी।
कोर्ट ने खारिज की भगवा आतंकवाद की थ्योरी
एनआईए कोर्ट के जस्टिस ए के लाहोटी ने यह टिप्पणी की कि आतंक को कोई रंग नहीं होता है। महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने कहा कि आतंकवाद कभी भगवा नहीं था, नहीं है और कभी नहीं होगा। जब मालेगांव में रमजान के महीने में ब्लास्ट हुआ था तब केंद्र और राज्य में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकारें थी। 17 साल लंबे खिंचे इस मामले में पुलिस, एटीएस और फिर एनआईए ने जांच की। एनआईए कोर्ट ने कहा कि संदेह के आधार पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है। कोर्ट ने भगवा आतंकवाद की थ्योरी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पुख्ता सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ सभी आरोपियों को देते हुए सभी को बरी कर दिया। कोर्ट ने जिन्हें बरी किया उनमें प्रज्ञा ठाकुर, प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, समीर कुलकर्णी, सुधाकर चतुर्वेदी, सुधाकरधर द्विवेदी शामिल हैं।