प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान में खंडवा प्रथम

-
रायसेन द्वितीय और बालाघाट तृतीय स्थान पर
भोपाल। मध्यप्रदेश में जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए चलाए गए जल गंगा संवर्धन अभियान को जबरदस्त सफलता मिली है। तीन माह तक चले इस अभियान के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों और जनपद पंचायतों को राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा पुरस्कृत किया गया है। खंडवा जिले ने समग्र प्रदर्शन में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि रायसेन और बालाघाट क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
खेत-तालाब के निर्माण में श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिले
जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत-तालाब के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य वाले जिले को पुरस्कार देने के लिए "ए" तथा "बी" दो श्रेणियां बनाई गई थी। "ए" श्रेणी में 4 या उससे कम जनपदों को शामिल किया गया था, जबकि बी श्रेणी में 5 या उससे अधिक जनपदों को शामिल किया गया था। शुक्रवार को जारी सूची में "ए" श्रेणी जिसमें 4 या उससे कम जनपद है, उसमें अनूपपुर जिला व बी श्रेणी जिसमें 5 या इससे अधिक जनपद है, उसमें बालाघाट जिले ने अपना स्थान बनाया है।विज्ञापन
विकासखंड स्तर पर खेत-तालाब निर्माण करने वाली श्रेष्ठ जनपद पंचायत
जल गंगा संवर्धन अभियान में खेत-तालाब के निर्माण में उत्कृष्ट कार्य वाली जनपद पंचायतों को विकासंखड स्तर पर पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। विकासखंड स्तरीय पुरस्कार के लिए भी ए और बी श्रेणी निर्धारित की गई थी। ए श्रेणी में 70 या उससे कम ग्राम पंचायतों वाली जनपद पंचायतों को शामिल किया गया था, जबकि "बी" श्रेणी के लिए 71 या उससे अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपदों को शामिल किया गया था। ए श्रेणी में 70 या उससे कम ग्राम पंचायतों वाली जनपद पंचायतों में बालाघाट जिले की बिरसा जनपद पंचायत ने अपना स्थान बनाया है। "बी" श्रेणी के लिए 71 या उससे अधिक ग्राम पंचायत वाली जनपद पंचायत में अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ की जनपद पंचायत ने अपनी जगह बनाई है।
प्रदेश में तीन माह तक चला जल गंगा संवर्धन अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में बारिश के पानी को सहेजने व पुरानी जल संरचनाओं को नया जीवन देने के लिए 30 मार्च से 30 जून तीन माह तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से गुड़ी पड़वा पर की थी। अभियान का समापन खंडवा में हुआ है। जल गंगा संवर्धन अभियान के तीन माह में प्रदेश में 84 हजार 930 से अधिक खेत-तालाब, एक हजार 283 अमृत सरोवर और एक लाख 4 हजार 294 से अधिक रिचार्ज पिट और 1,283 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है या निर्माणाधीन है। इनसे एक लाख 67 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई संभव हो सकेगी।