अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही कई सख्त फैसले ले रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा फैसला अवैध प्रवासियों को लेकर लिया. दूसरी ओर वे ग्रीनलैंड और कनाडा को अमेरिका में शामिल करने की बात भी कह रहे हैं. उनके स्टेटमेंट से साफ है कि वे कनाडा और ग्रीनलैंड के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं. किसी भी हालत में दोनों को अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते हैं.

पिछले दिनों उन्होंने ग्रीनलैंड को लेकर कहा था कि आने वाले समय में वो अमेरिका का हिस्सा होगा. इस बीच ट्रंप ने कनाडा को लेकर कहा कि वो 51वां अमेरिकी राज्य बन जाए तो अच्छा होगा. ऐसा न होने से अमेरिका का नुकसान हो रहा है, और वो मैं होने नहीं दूंगा. उन्होंने ये भी कहा कि वे इस बात को लेकर मजाक के मूड में नहीं हैं.

नई टैरिफ योजना ने बढ़ाई सबकी टेंशन
ट्रम्प ने कहा कि वह सोमवार को कनाडा और मैक्सिको सहित अमेरिका में सभी स्टील और एल्यूमीनियम आयात पर 25% टैरिफ की घोषणा करेंगे. इसके अलावा इस हफ्ते के अंत में वे नई टैरिफ की पॉलिसी लाएंगे. ट्रंप के इस बयान ने कई देशों को टेंशन में डाल दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछली टैरिफ योजना के बाद अन्य देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

अमेरिका का नुकसान नहीं होने देंगे- ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कनाडा अमेरिका 51वां राज्य बनने से कहीं बेहतर होगा. इससे हमारा नुकसान भी कम होगा. इस समय हमें करीब हर साल 200 अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा. हम हर साल क्यों बेवजह 200 अरब डॉलर का पेमेंट करें?

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह कनाडा को 51 वां राज्य बनाने को लेकर काफी गंभीर हैं. इसके साथ ही उन्होंने कनाडा पर कब्जा करने वाली बात को भी स्वीकार किया. जैसा कि पिछले दिनों कनाडाई निवर्तमान पीएम ट्रूडो ने बताया था.

ट्रंप की बात पर पिछले दिनों ट्रूडो ने लगाई थी मुहर
ट्रूडो ने बीते दिनों को बिजनेस और लेबर लीडर्स के साथ एक बंद कमरे में बातचीत के दौरान कहा कि ट्रंप की कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने की बात हकीकत है. यह देश के प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच की उनकी इच्छा से जुड़ी है.

ट्रंप ने टैरिफ में 30 दिनों की छूट दी
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडाई निर्यात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की योजना को 30 दिनों के लिए टाल दिया है, लेकिन इसके बदले में उन्होंने सीमा और क्राइम इंफोर्समेंट में रियायतें मांगी हैं, विशेष रूप से फ़ेंटेनाइल तस्करी पर कड़ी कार्रवाई की.