अब कपड़े-जूते समेत ये चीजें हो जाएंगी सस्ती भारत-यूके में हो गई डील

नई दिल्ली।
कई सालों की मेहनत के बाद भारत और यूके बीच मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) हो चुकी है. आज भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम किएर स्टेर्मर के लंदन में मुलाकात के दौरान फ्री ट्रेड डील पर हस्ताक्षर हुए हैं. इस डील से दोनों देशों में निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही ग्लोबल स्तर पर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. भारत-यूके बीच इस डील से दोनों देशों के आम लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद होगा. दवाई से लेकर इलेक्ट्रॉनिक और फैशन तक के सामान सस्ते हो जाएंगे. हालांकि कुछ चीजें महंगे भी होंगे, जो आम लोगों की जेब पर सीधा असर डालेगा. इस डील को लेकर चर्चा की शुरुआत जनवरी 2022 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में हुई थी. इसे पहले 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य था. पीएम मोदी ने इस डील को लेकर कहा कि दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में उछाल आएगी. साथ ही नौकरियों के अवसर खुलेंगे. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से भारत-ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 120 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य रखा गया है.
क्या होता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) दो या दो से ज्यादा देशों के बीच लागू होता है. ये देश अपने प्रोडक्ट्स को लेकर एक-दूसरे के देशों में टैरिफ खत्म करने या कम करने पर चर्चा करते हैं. सहमति के बाद इन देशों के बीच टैरिफ खत्म किया जाता है या फिर टैरिफ को कम किया जाता है
भारत-यूके FTA का मतलब क्या है?
भारत और यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India-UK FTA) से भारत को अपनी 99 फीसदी एक्सपोर्ट उत्पाद पर UK में टैक्स फ्री एक्सपोर्ट मिलेगा. वहीं भारत ब्रिटेन से आने वाले 90 फीसदी उत्पादों पर टैरिफ कम या फिर हटा दिया जाएगा. इससे भारतीय कंपनियों से लेकर आम लोगों को भी बड़ा फायदा होगा.
क्या सस्ता और क्या महंगा
इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, मरीन प्रोडक्ट्स, स्टील और मेटल, व्हिस्की और ज्वेलरी समेत कई चीजें सस्ती हो सकती हैं. वहीं एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स, कार और बाइक जैसे ऑटो प्रोडक्ट्स और स्टील जैसे प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं.
आम आदमी के लिए इसके मायने
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत सिर्फ दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को ही मजबूती नहीं मिलेगी, बल्कि आम लोगों के लिए दवाइंया, इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन के सामान सस्ते हो जाएंगे. वहीं भारत की कंपनियों को ब्रिटेन में एक बड़ा बाजार मिलेगा और इनपर टैरिफ या तो बहुत कम लगेगा या फिर शून्य हो जाएगा. वहीं इस डील से भारत और ब्रिटेन के लिए रोजगार के अवसर मिलेंगे. नौकरियों की संख्या बढ़ जाएगी और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा.