• निफ्टी 200 अंक लुढ़का

  • टेक महिंद्रा-HCL टेक समेत 17 शेयर्स 2.5% गिरे

मुंबई। गुरुवार को सेंसेक्स में 700 अंक की गिरावट है, ये 80,900 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी भी 200 अंक नीचे 24,600 के स्तर पर है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 27 में गिरावट है। पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा और HCL टेक सहित कुल 17 शेयर्स करीब 2.5% गिरे हैं। अडाणी पोर्ट्स इंडसइंड बैंक और टाटा स्टील में मामूली तेजी है। निफ्टी के 50 शेयरों में से 45 में गिरावट और 5 में तेजी है। NSE के ऑटो इंडेक्स में 1.12%, IT में 1.52%, FMCG में 1.46% और बैंकिंग शेयरों में 1% तक की गिरावट है।

बाजार में गिरावट के 5 कारण

  • भारत-अमेरिका ट्रेड डील अस्पष्ट: अमेरिका और भारत के बीच संभावित व्यापार समझौते के बारे में कोई अपडेट नहीं आ रहा है। इससे मार्केट की उम्मीदें कम हो रही हैं। निवेशक अब डील पर क्लेरिटी चाहते हैं।
  • मुनाफा वसूली: बीते कई सेशन से बाजार में लगातार बढ़त रही है। ऐसे में जियो पॉलिटिकल टेंशन और भारत-पाक संघर्षों के अनिश्चितता के चलते बाजार में हर तेजी के बाद निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं।

 

ग्लोबल मार्केट में गिरावट

एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 332 अंक (0.89%) नीचे 36,967 पर और कोरिया का कोस्पी 35 अंक (1.34%) नीचे 2,590 पर कारोबार कर रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 78 अंक (0.33%) गिरकर 23,750 पर है। चीन के शंघाई कंपोजिट में मामूली गिरावट है, ये 3,386 पर कारोबार कर रहा है। 21 मई को अमेरिका का डाउ जोन्स 816 अंक (1.91%) नीचे 41,860 पर, नैस्डेक कंपोजिट 270 अंक (1.41%) नीचे 18,873 पर और S&P 500 95 अंक (1.61%) नीचे 23 अंक नीचे 5,845 पर बंद हुए।

  • नए पॉजिटिव ट्रिगर की कमी: पिछले कुछ सेशन में भारतीय शेयर बाजार नए ट्रिगर्स की कमी के चलते एक लिमिट में रहा है। टैरिफ और जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बाद, मार्केट प्रॉफिटेबिलिटी को बनाए रखने के लिए चौथी तिमाही के GDPऔर इनकम ग्रोथ का इंतजार कर रहा है। जून में RBI और US फेडरल रिजर्व की मीटिंग भी घरेलू बाजार को प्रभावित करेंगी।
  • विदेशी निवेशक बाजार को लेकर सतर्क: बढ़े हुए वैल्यूएशन, मिक्स्ड अर्निंग और ट्रेड डील में देरी के लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, विदेशी निवेशकों ने 20 मई को कैश सेगमेंट में 10,016.10 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
  • अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट: मूडीज ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग कम करके Aa1 कर दिया है। इससे मार्केट सेंटिमेंट प्रभावित हुआ है। अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग में गिरावट ने फाइनेंशियल मार्केट को प्रभावित किया है।

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