सतना। 
सतना जिले के उचेहरा स्थित सीएम राइज स्कूल से शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। बच्चों के शैक्षणिक भविष्य से जुड़ी सरकारी किताबों को कबाड़ समझकर रद्दी में बेच दिया गया। ये वही पुस्तकें थीं जिन्हें राज्य सरकार की ओर से छात्रों को निशुल्क वितरित किया जाना था। घटना का खुलासा तब हुआ जब सतर्क ग्रामीणों ने पिकअप वाहन में भरकर जा रही बोरियों को रोका और उनमें से किताबें निकलते देख हड़कंप मच गया।
ग्रामीणों ने रोका वाहन, बोरियों से निकलीं सरकारी किताबें
स्थानीय लोगों को उस समय संदेह हुआ जब एक पिकअप वाहन में स्कूल से बोरियां लादकर ले जाई जा रही थीं। जब बोरियों को खोलकर देखा गया तो उनमें सीएम राइज स्कूल की पुस्तकें भरी थीं। ग्रामीणों ने तत्काल स्कूल प्रशासन से इस संबंध में सवाल किए और मामले को शिक्षा अधिकारियों तक पहुंचाया।
प्रभारी प्रधानाध्यापक ने झाड़ा पल्ला
स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार शुक्ला ने खुद को इस घटनाक्रम से अलग बताते हुए कहा कि आज सुबह सर्किल प्रवीण आया था। उसी ने मुझसे चाबी ली और मध्यान्ह भोजन कक्ष में रखी किताबें उठाकर पिकअप में भर लीं। मुझे यह नहीं बताया गया कि किस आदेश पर ये किताबें उठाई जा रही थीं। उनकी यह सफाई सवालों के घेरे में है, क्योंकि बिना किसी लिखित आदेश के स्कूल से सामग्री कैसे हटाई जा सकती है।
शिक्षा विभाग में मची खलबली, शुरू हुई जांच
घटना के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामनरेश पटेल ने इसे गंभीर मामला मानते हुए कहा कि किताबें विमर्श पोर्टल के माध्यम से स्कूलों को प्रदान की जाती हैं और उनका इस तरह से उठाया जाना और बेचना पूरी तरह नियमों का उल्लंघन है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए कार्रवाई के संकेत
सतना जिला शिक्षा अधिकारी कंचन श्रीवास्तव ने मामले की जांच शुरू करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि घटना बेहद गंभीर है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।