भोपाल, सबकी खबर। 
मध्य प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के रिटायर्ड ईएनसी अखिलेश अग्रवाल और उनके  सरकारी बंगले की। दरअसल अखिलेश अग्रवाल को 2010 में ईएनसी बनने के बाद जो भोपाल में ईएनसी के लिएबंगला है जो चार इमली में है जिसका नंबर है 97A यह चार इमली जहां अधिकारी रहते हैं मंत्री रहते हैं वहां ईएनसी के लिए भी एक बंगला एक तरह से आइडेंटिफाई किया हुआ है। जो भी  ईएनसी रहेगा वह इस बंगले में रह सकता है। 2010 में अखिलेश अग्रवाल इस बंगले में आए और उसके बाद वे रिटायर हो गए। चार साल उन्होंने संविदा पे इधर-उधर नौकरी भी कर ली। उसके बाद भी यह बंगला उन्होंने खाली नहीं किया और अब उन्होंने यह बंगला अपनी पत्नी रश्मि अग्रवाल जो रिटायर्ड डीजे हैं जो इस समय रेरा में विधिक सदस्य हैं। उनके नाम अलॉट करा दिया है। इसे लेके भोपाल के एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं संजय पारे। उन्होंने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस को शिकायत की है। शपथ पत्र के शिकायत के साथ शिकायत की है। और यह कहना है कि यह नियम बाहय है। यदि किसी भी विभाग में किसी भी अधिकारी के लिए बंगला है तो वह किसी ऐसे अन्य व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता जो उसका पात्रता नहीं रखता है। लेकिन अखिलेश अग्रवाल ने पथ पे रह के लोगों को ऑबलाइज किया और इसी का असर है कि यह बंगले पर आज  तक उनका और उनकी पत्नी का कब्जा है।  दोनों पतिपत्नी की नेमप्लेट लगी है। इसके पहले यह भी बता दूं कि अखिलेश अग्रवाल ईएनसी से रिटायर होने के बाद में संविदा पर  एनसी बने थे। सड़क विकास निगम में। वहां 65 साल पूरे होने के बाद अब वे वहां से बड़ी मुश्किल से उनकी विदाई तो हो गई है। लेकिन आज भी वे अपने रसूख का उपयोग करते हैं। और यही कारण है कि इस बंगले पे आज तक कब्जा है।
बंगला नंबर है A9/7 A पर रिटायर्ड ईएनसी का कब्जा
चार इमली का वो बंगला है जिसका नंबर है A9/7 A और इस बंगले पर नेमप्लेट लगी है अखिलेश अग्रवाल और उनकी पत्नी के नाम से सवाल यह है कि और भी तमाम विधिक सदस्य हैं। कितने लोगों को इस तरह बंगले दिए गए हैं? और एक बंगला जिस पर सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है कि वो केवल ईएनसी के लिए ही मार्क है। तो जो इस समय मौजूदा आईएसी है केपी राणा साहब वो अपने निजी मकान में रह रहे हैं। यदि वह मान लीजिए नहीं भी रहना चाहते तो उनके बाद  जो सेकंड होंगे उनको दिया जा सकता है। लेकिन एक रिटायर्ड व्यक्ति रिटायरमेंट के इतने दिन बाद भी उस बंगले पे काबिज है और धीरे से उन्होंने अब अपनी पत्नी के नाम करा दिया है।