नई ​दिल्ली। 
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर लिया। यह जानकारी राज्यसभा में पीठासीन घनश्याम तिवाड़ी ने दी। धनखड़ आज सदन की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हुए। सुबह 11 बजे अपर सदन की कार्यवाही की शुरुआत JDU सांसद हरिवंश ने की। इससे पहले खबर आई थी कि धनखड़ इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। न ही विदाई समारोह में शामिल होंगे। उधर, PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। उन्होंने 10 जुलाई को एक कार्यक्रम में कहा था, 'ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त, 2027 में रिटायर हो जाऊंगा। 

विवादों के उपराष्ट्रपति 
देश में 72 साल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में धनखड़ पहले ऐसे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति रहे, जिनके खिलाफ दिसंबर 2024 में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। जो बाद में तकनीकी कारणों से खारिज हो गया था।  विपक्ष धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाता रहा है। विपक्ष का दावा था कि वह सिर्फ विपक्ष की आवाज व उनके सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों को दबाते हैं। धनखड़ के पिछले कार्यकाल को देखें तो कई अहम पदों पर रहे, लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा होते नहीं देख पाए। एक बार विधायक के तौर पर उनके पांच साल एकमात्र अपवाद है।