बीना विधायक निर्मला सप्रे अब मप्र भाजपा के गले की हड्डी बन गई हैं!
भोपाल, सबकी खबर।
सागर जिले की बीना विधानसभा क्षेत्र से जहां से विधायक कांग्रेस से हैं निर्मला सप्रे लेकिन वे अपनी पार्टी के प्रति वफादार नहीं है। वे एक साल से भारतीय जनता पार्टी के दरवाजे पर दस्तक दे रही हैं और भारतीय जनता पार्टी ने बेशक उन्हें अपनी बैठकों में तो बिठा लिया लेकिन आज तक भारतीय जनता पार्टी की औपचारिक सदस्य नहीं बन पाई हैं। लेकिन अब निर्मला सप्रे को लेकर भारतीय जनता पार्टी नए सिरे से विचार कर सकती है। कारण क्या है? कारण इतना है कि भारतीय जनता पार्टी में सागर में बीना में निर्मला सप्रे का भारी विरोध शुरू हो चुका है। वहां पूर्व विधायक विरोध कर रहे हैं। वहां जनपद अध्यक्ष विरोध कर रही हैं। नगर पालिका अध्यक्ष विरोध कर रहे हैं। और तो और पार्टी के तमाम कार्यकर्ता निर्मला सप्रे के विरोध में खड़े हो गए हैं। दरअसल निर्मला सप्रे अपने व्यवहार के कारण अपने गाली गलौज के कारण अपने भ्रष्टाचार के कारण भारतीय जनता पार्टी में अभी तक शामिल नहीं हो पा रही है। भारतीय जनता पार्टी की मतलब एक तरह से घुलमिल नहीं पा रही हैं। और यही कारण है कि अब मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी निर्मला सप्रे को लेकर नए सिरे से विचार कर सकती है। यानी वे भारतीय जनता पार्टी में ली जाएंगी नहीं ली जाएंगी अब इस पर नए सिरे से विचार होगा। दरअसल 1 साल से निर्मला सपने भारतीय जनता पार्टी के दरवाजे पर बैठी हैं। और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने उन्हें संकेत दिया था कि आप इस्तीफा दे दें। आपको उपचुनाव में टिकट दे दी जाएगी। लेकिन सप्रे का स्थानीय स्तर पर उनका विरोध आज से जो एक साल पहले था अब बढ़कर मतलब कई गुना हो चुका है। आप सोचिए आज स्थिति यह है कि नगर पालिका अध्यक्ष प्रदेश कार्यालय में शिकायत करने आई। इनका नाम है नगर पालिका अध्यक्ष का लता सकवार। जनपद अध्यक्ष उषा राय शिकायत करने आई। पूर्व विधायक महेश राय शिकायत करने आए।
बीना में अब निर्मला के खिलाफ कांग्रेस भी भाजपा भी
पूर्व मंडल अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह आए। ऐसे कई नेता कई कार्यकर्ता खुलकर निर्मला सप्रे के खिलाफ हो गए हैं। और तो और अब यह सारे नेता बयान दे रहे हैं टीवी मीडिया पर आकर पब्लिक मतलब मीडिया के बीच खड़े होकर कि निर्मला सप्रे हमारी नहीं है। वो किस पार्टी की है पता ही नहीं है। क्योंकि कांग्रेस भी उन्हें नहीं मानती। बीना में जितना विरोध निर्मला सपरे का बीजेपी के अंदर है उससे ज्यादा कांग्रेस में है। कांग्रेस के कार्यकर्ता धरने पर बैठे हुए हैं उनके खिलाफ तो निर्मला सप्रे अब बीजेपी की है या कांग्रेस की किसी को नहीं पता है। वे बीजेपी में आने की कोशिश करती रही। लेकिन हिम्मत नहीं पड़ी इस्तीफा देने की। हिम्मत नहीं पड़ी कि उपचुनाव लड़ लें। अब इतनी देर हो गई है कि बीजेपी भी अब शायद लेने के बारे में पुनर्विचार कर रही है।
विवादों की विधायक... गौसेवक को गालियां दे रही थी विधायक
पिछले दिनों गाय की गौचर भूमि को लेकर एक कार्यकर्ता जो गौ रक्षक है वो लगातार मुहिम चला रहा था कि गाय की जमीनों को बचा लिया जाए। उसे वो गालियां दे रही थी। मां की गाली दी थी। तो निर्मला सप्रे अब फंस चुकी है बुरी तरह से। कांग्रेस उन्हें वापस लेगी नहीं। कांग्रेस उन्हें अपना मानेगी नहीं। भारतीय
जनता पार्टी में वे शामिल नहीं हो पाई। एक दो बैठकों में चली गई लेकिन भारतीय जनता पार्टी इसलिए नहीं बिठा दी कि कल हो सकता है उनकी सदस्यता दलबदल कानून में चली जाए। एक तरह से वह भारतीय जनता पार्टी के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं। क्योंकि निर्मल सप्रे को पता है कि यदि उन्होंने इस्तीफा दिया तो जरूरी नहीं है टिकट उनको मिल जाए। हो सकता है महेश राय टिकट ले जाए और यदि टिकट भी बीजेपी ने दे दिया उनको तो महेश राय एंड कंपनी यानी जितने लोग उनके खिलाफ हैं वह सब मिलकर निर्मला सप्रे को चुनाव नहीं जीतने देंगे। यह भी हो सकता है बीजेपी का कोई बड़ा दिग्गज नेता कांग्रेस से टिकट लाए।
विधायक के कारण विकास में पिछड गया है बीना
बीना में स्थिति ऐसी हो गई है कि बीना में विकास नहीं हो पा रहा है। बीना का विकास कागजों पे हो रहा है। कोई गुणवत्ता नहीं है। विधायक काम नहीं करने दे रही है वहां। यह सारी चीजें ओपनली आ रही हैं। तो यह जो बीना में भारतीय जनता पार्टी एक तरह से कहना चाहिए दो फाड़ हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने मौन ले लिया है। निर्मला के बारे में नहीं बोलते जो पद पे बैठे हैं। लेकिन जो संवैधानिक पदों पे बैठे हैं जैसे नगर पालिका अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष, पूर्व विधायक यह सब खुल के निर्मला के खिलाफ खड़े हो गए हैं और धीरे-धीरे निर्मला सप्रे का विरोध बढ़ता चला जा रहा है। पिछले दिनों उन्होंने जिस तरह गौ भक्त को गाली दी है वह एक बड़ा मुद्दा बन गया। यह बात दूसरी है कि निर्मला सपरे के कुछ मुट्ठीभर जो समर्थक हैं वो महेश राय के खिलाफ पुराना छ साल पुराना एक ऑडियो निकाल लाए हैं वीडियो जिसमें वो एक नगर पालिका के अधिकारी को गाली गलौज कर रहे हैं। तो गाली गलौज के बीजेपी के नेताओं के गाली गलौज के बीच में बीना का विकास कहीं ना कहीं थम गया है। बीना में विकास नहीं हो पा रहा है। फिलहाल तो खबर यही हैं कि खबर यह है कि निर्मला सपरे ना घर की हैं ना घाट की हैं।