• हाई कोर्ट ने दिया था 24 घंटे का समय

भोपाल। हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद और नर्सिंग काउंसिल के संचालक जितेन शुक्ला को उनके पद से हटा दिया है। केके रावत रजिस्टर और संचालक का कार्यभार मनोज कुमार सरियाम संभालेंगे। मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़ा मामले में जबलपुर हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बाद राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार अनीता चांद और नर्सिंग काउंसिल के संचालक जितेन शुक्ला को उनके पद से हटा दिया गया है। यह कदम नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार पर लगे गंभीर आरोपों और काउंसिल की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है।  केके रावत रजिस्टर और संचालक का कार्यभार आईएएस मनोज कुमार सरियाम संभालेंगे।
अनीता चांद और शुक्ला पर लगे थे गंभीर आरोप

जबलपुर हाईकोर्ट में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और नर्सिंग घोटाले मामले के व्हिसल ब्लोअर विशाल बघेल ने याचिका दायर कर अनीता चांद और डॉ. जितेन शुक्ला पर नर्सिंग कॉलेज को मान्यता देने के मामले में अनियामित्तता के गंभीर आरोप लगाए थे। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया में सामने आई गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाया था।
कॉलेजों को मान्यता देने में फर्जीवाड़ा
जांच में यह पाया गया कि प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेज, जो बुनियादी संसाधनों और योग्य स्टाफ के मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन्हें काउंसिल द्वारा मान्यता दे दी गई थी। इसमें फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी का इस्तेमाल कर कॉलेजों को मंजूरी दी गई थी। कोर्ट ने इसे शिक्षा व्यवस्था और समाज के प्रति गंभीर धोखाधड़ी करार दिया था। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी अनियमितताएं न केवल छात्रों के भविष्य के लिए खतरनाक हैं, बल्कि नर्सिंग जैसे संवेदनशील क्षेत्र की साख को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
नर्सिंग काउंसिल में नियुक्ती को लेकर खड़े किए सवाल
इधर एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में रजिस्ट्रार की नियुक्ति को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश थे कि नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार पद पर एक योग्य और स्वच्छ छवि के अधिकारी की नियुक्ति की जाए, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन NHM)) के विवादित और भ्रष्ट अधिकारी कृष्ण कुमार रावत को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। परमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि केके रावत पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कई गंभीर आरोप लंबित हैं, जिनमें पेपर लीक, फर्जी नियुक्तियां, वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की शिकायतें शामिल हैं। बावजूद रावत को सरकार ने उन्हें महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त कर नर्सिंग क्षेत्र के साथ अन्याय किया है।
आंदोलन की चेतावनी

रवि परमार ने सरकार से सवाल किया कि आखिर नर्सिंग क्षेत्र के लिए कोई योग्य और ईमानदार अधिकारी क्यों नहीं मिल रहा है? क्या समूचे प्रशासनिक तंत्र में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि एक साफ-सुथरे अधिकारी की नियुक्ति असंभव हो गई है? रवि परमार ने सरकार से मांग की कि केके रावत की नियुक्ति को तत्काल रद्द कर नर्सिंग काउंसिल में एक योग्य और निष्पक्ष अधिकारी की नियुक्ति की जाए। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस नियुक्ति को वापस नहीं लिया तो एनएसयूआई नर्सिंग क्षेत्र में न्याय के लिए आंदोलन करने पर मजबूर होगी।