• जल्दी बारिश होने से बह निकले झरने

  • पुलिस ने तैनात की सुरक्षा टीमे

इंदौर। इंदौर के पिकनिक स्थलों पर बढ़ते खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। डीआईजी ग्रामीण निमिष अग्रवाल ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे वीकेंड पर पिकनिक स्पॉट्स पर बल तैनात करें। इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और विकसित शहर है। अपनी साफ-सुथरी सड़कों, ऐतिहासिक स्थलों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र कई खूबसूरत पिकनिक स्पॉट्स से भरे हुए हैं। यह खासतौर से वीकेंड पर सैकड़ों पर्यटकों और स्थानीय लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इनमें पातालपानी, तिंछा फॉल, मोहाड़ी, कजलीगढ़ और हत्यारी खो जैसे स्थान प्रमुख हैं। हालांकि, इन स्थलों की सुंदरता के पीछे एक खतरनाक पहलू भी छिपा है, यहां पर सुरक्षा की अनदेखी।
खतरनाक बनते जा रहे हैं पिकनिक स्पॉट
प्री-मानसून की पहली बारिश के साथ ही इन इलाकों में छोटे-बड़े झरने बहने लग जाते हैं। झरनों की कल-कल करती आवाज और हरियाली के बीच लोग प्रकृति का आनंद लेने पहुंचते हैं, लेकिन अक्सर सुरक्षा नियमों की अनदेखी उनके लिए जानलेवा साबित होती है। डीआईजी ग्रामीण निमिष अग्रवाल ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के खतरनाक पिकनिक स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती करें। विशेषकर शनिवार और रविवार जैसे वीकेंड पर इन स्थानों की मॉनिटरिंग सुबह से शाम तक अनिवार्य रूप से की जाए।
पुलिस और ग्राम रक्षा समिति की संयुक्त रणनीति
पुलिस प्रशासन ने न केवल थानों को सतर्क किया है, बल्कि ग्राम रक्षा समिति (GDS) को भी इस कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया है। ग्राम रक्षा समिति के 100 से अधिक सदस्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पिकनिक मनाने आए युवाओं के ग्रुप्स को पहले समझाएं और यदि वे चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। ग्राम रक्षा समिति के सदस्य स्थानीय रहवासी होते हैं, जिन्हें इलाके की भौगोलिक और पर्यावरणीय जानकारी होती है। वे अक्सर ऐसे स्थानों को बेहतर तरीके से पहचानते हैं जहां फिसलन या जलप्रवाह के कारण जान का खतरा अधिक होता है।

कई बड़े हादसे हो चुके हैं
इंदौर के पिकनिक स्पॉट्स पर हर साल कई घटनाएं सामने आती हैं, जिनमें लोग जान गंवा बैठते हैं। वर्ष 2021 में तिंछा फॉल में फिसलने से तीन युवकों की मौत हो गई थी। वहीं पातालपानी, जो एक ऐतिहासिक और प्रसिद्ध झरना है, वहां भी कई बार जलस्तर बढ़ने या फिसलन के कारण हादसे हो चुके हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने पहले भी चेतावनी बोर्ड, रस्सियों और बैरिकेड्स लगाए थे, लेकिन अक्सर लोग इन्हें नज़रअंदाज कर खतरनाक जोन में प्रवेश कर जाते हैं।

इंदौर के प्रमुख पिकनिक और पर्यटक स्थल
पातालपानी वॉटरफॉल: यह झरना मानसून के दौरान बेहद सुंदर दिखाई देता है, लेकिन अत्यधिक जलप्रवाह के कारण खतरा भी बढ़ जाता है।
तिंछा फॉल: गहरी खाई और फिसलनभरी चट्टानों के कारण यह स्थान रोमांचक तो है, परंतु असावधानी भारी पड़ सकती है।
मोहाड़ी और कजलीगढ़: ये स्थल ट्रैकिंग और ऑफ-रोडिंग के शौकीनों के बीच लोकप्रिय हैं, लेकिन पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम न होने पर जोखिम भरे साबित हो सकते हैं।
सगड़ी-बगड़ी और हत्यारी खो: स्थानीय लोग बताते हैं कि ये स्थल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं, परंतु वहां की पथरीली और जंगली भौगोलिक स्थिति खतरनाक है।
प्रशासन की अपील
पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपने जीवन को जोखिम में न डालें। यदि किसी पिकनिक स्थल पर चेतावनी बोर्ड या बैरिकेड लगाया गया है, तो उसका पालन करें। विशेषकर युवा वर्ग से अनुरोध किया गया है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट बनाने के चक्कर में खतरनाक हरकतें न करें। डीआईजी निमिष अग्रवाल ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति चेतावनियों के बावजूद खतरे वाले क्षेत्र में प्रवेश करता है और अन्य लोगों को भी प्रेरित करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

हम भी जिम्मेदार बनें
प्राकृतिक स्थलों का आनंद लेना सभी का अधिकार है, लेकिन यह आनंद जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। इंदौर प्रशासन की यह पहल, जिसमें पुलिस और ग्राम रक्षा समिति मिलकर कार्य कर रही हैं, न केवल अनुशासन बनाए रखने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह लोगों की जान की हिफाज़त के लिए भी आवश्यक है। सभी से अपेक्षा है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अपने पिकनिक को यादगार बनाने के साथ-साथ सुरक्षित भी बनाएं।