• आखिरी बार बेटे का चेहरा भी न देख पाई

मेरठ।  सौरभ के शव को ड्रम में डालने के लिए उसके पैर पीछे की तरफ मोड़ दिए गए थे। पोस्टमार्टम के दौरान भी पैर सीधे नहीं हो सके। जैसे ही सौरभ की मां ने कफन हटाना चाहा, तो लोगों ने उन्हें रोक दिया।  सौरभ की हत्या के बाद मंगलवार से ही इंदिरानगर स्थित आवास पर रिश्तेदारों और परिचितों के आने का सिलसिला लगा है। बुधवार को भी यही हालात रहे। पूरी गली में मातम परसा था। पूरे दिन शव के आने का इंतजार होता रहा। पोस्टमार्टम के बाद शाम पांच बजे सौरभ का शव एंबुलेंस से घर लाया गया। कपड़े में लिपटे शव को मकान में रखा गया। शव लंबाई में कम और चौड़ाई में ज्यादा था। शव आते ही परिवार में चीख पुकार मच गई। मां रेणु देवी, बहन चिंकी शव से लिपट पर दहाड़े मारकर बिलख पड़ीं। उन्हें देख कर हर आंख नम हो गई। मां- बेटी ने अंतिम बार सौरभ का चेहरा देखना चाहा, मगर परिजनों और लोगों ने कपड़ा हटाने से मना कर दिया, जिस पर मां रेणू बिलखते हुए बोलीं, मैं कैसी अभागी मां हूं, अंतिम बार बेटे का चेहरा भी नहीं देख पाई।  पिता मुन्ना लाल दाह संस्कार सूरजकुंड में करना चाहते थे, मगर बेटे बबलू कुमार ने गढ़ मुक्तेश्वर ब्रजघाट पर अंतिम संस्कार करने की बात कही। इसके बाद शव को ब्रजघाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। सौरभ की हत्या से परिजनों का रोकर बुरा हाल है। मां, बहन की आंखों से आंसू सूख नहीं रहे। 

धन ऐंठने का आरोप
सौरभ की मां और बहन ने मुस्कान के परिजनों पर सौरभ से धन ऐंठने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि सौरभ के करीब 60 लाख रुपये मुस्कान के मायके वालों ने हड़प रखे हैं। सौरभ ने उन्हें ज्वेलरी की दुकान कराई, कार भी लेकर दी। हर महीने वह 20 से 50 हजार रुपये भेजता था। लंदन से आने से पहले उसने मुस्कान के खाते में एक लाख रुपये डाले थे।

नानी के पास रहेगी मासूम पीहू
सौरभ की छह साल की बेटी पीहू के सिर से पिता का साया उठ गया, जबकि पिता की हत्या में मां मुस्कान जेल चली गई। ऐसे में पीहू अकेली रह गई। मुस्कान अकसर पीहू को अपनी मां कविता रस्तोगी के पास छोड़ देती थी। सौरभ की हत्या करने से पहले वह पीहू को अपनी मां के पास यह कहकर छोड़ गई थी कि वह सौरभ के साथ शिमला घूमने जा रही है। 
सौरभ के पिता मुन्ना लाल ने कहा कि वह पीहू का अपने पास नहीं रखेंगे। मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी ने बताया कि पीहू अब नानी के पास ही रहेगी। नानी कविता रस्तोगी ने बताया पीहू शुरू से हमारे पास रही है। हम अपनी नाती को बेहतर शिक्षा देंगे और जिम्मेदार अभिभावक का रोल अदा करेंगे।