बीआईएमएसटीईसी समिट में शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी
Updated on 4 Apr, 2025 11:31 AM IST BY SABKIKHABAR.COM
-
- थाईलैंड की पीएम शिनवात्रा ने स्वागत किया
- म्यांमार के मिलिट्री लीडर से भूकंप पर बात की
बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के थाईलैंड दौरे का शुक्रवार को दूसरा दिन हैं। वे बीआईएमएसटीईसी देशों की 6वीं समिट में शामिल होने पहुंचे हैं। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने उनका स्वागत किया। शुक्रवार होने वाली बीआईएमएसटीईसीसमिट के बाद प्रधानमंत्री मोदी और बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस की बातचीत हो सकती है। कल रात बीआईएमएसटीईसी डिनर में दोनों नेता एक साथ दिखाई दिए थे। बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में हुए तख्तापलट के बाद ये पहला मौका था जब भारतीय पीएम और बांग्लादेशी सरकार के मुख्य सलाहकार की मुलाकात हुई। इससे पहले उन्होंने आज म्यांमार के मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने म्यांमार में भूकंप की वजह से मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही कहा कि भारत म्यांमार की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। 1990 के दशक में शीत युद्ध के अंत और सोवियत संघ के पतन के बाद दुनिया तेजी से बदली। ग्लोबलाइजेशन के दौर में देशों को आर्थिक गठबंधन बनाने पर मजबूर होना पड़ा। साउथ और साउथ-ईस्ट एशिया के देशों में इस बात की जरूरत महसूस हुई। साउथ-ईस्ट एशियाई देशों के पास एएसईएएन था, जो काफी हद तक सफल था, लेकिन इसमें भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को कोई जगह नहीं मिली थी। यानी, भारत और उसके पड़ोसी देशों के लिए कोई ऐसा मंच नहीं था जो आर्थिक सहयोग को मजबूती से आगे बढ़ा सके। थाईलैंड के पूर्व विदेश मंत्री थानात खमनन ने 1994 में बीआईएमएसटीईसीकी स्थापना का विचार दिया था। थाईलैंड ने 'लुक वेस्ट पॉलिसीÓ के तहत एक क्षेत्रीय ग्रुप के गठन का प्रस्ताव रखा था जो दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया को जोड़ सके। भारत को भी अपनी लुक ईस्ट पॉलिसी के तहत दक्षिण पूर्व एशिया के साथ अपने संबंध मजबूत करने थे। इसलिए दोनों देशों की पहल पर 1997 में इसका गठन हुआ। साल 2014 की बात है। देश में 10 साल बाद भाजपा की सरकार बनी थी। मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसमें पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के साथ एसएएआरसी देशों के 6 नेता भी आए। ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी भारतीय पीएम के शपथ ग्रहण में विदेशी नेता पहुंचे थे। 6 महीने बाद मोदी एसएएआरसी समिट में शामिल होने काठमांडू पहुंचे। इस समिट में भारत का जोर रेल और मोटर व्हीकल एग्रीमेंट लाने पर था, लेकिन पाक सरकार ने इसमें अड़ंगा लगा दिया। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने स््र्रक्रष्ट में ऑब्जर्वर कंट्री चीन के सिल्क रोड प्रोजेक्ट को पेश करने की वकालत की। मोदी इससे इतना नाराज हुए कि उन्होंने नवाज शरीफ से आधिकारिक मुलाकात तक नहीं की। साल 2016 में ऊरी अटैक के बाद भारत ने एसएएआरसी समिट में शामिल होने के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया। भारत के इनकार के बाद बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया। इसघटना के 9 साल बीत जाने के बाद आज तक एसएएआरसी का फिर कोई समिट नहीं हो पाई है।
----------------------