मोदी ने की भोपाल की महिलाओं और बुंदेलखंड के किलों की तारीफ

भोपाल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "मन की बात" कार्यक्रम के 124वें संस्करण ने एक बार फिर मध्य प्रदेश की प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के वार्ड क्रमांक 50 स्थित शील पब्लिक स्कूल में स्थानीय रहवासियों के साथ कार्यक्रम का श्रवण किया और इस संवाद को "दिव्य ऊर्जा और नवसंकल्प से भरने वाला" बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भोपाल की "सकारात्मक सोच" नामक महिला टीम और बुंदेलखंड के ऐतिहासिक किलों की सराहना केवल प्रेरणा ही नहीं देती, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक चेतना का सम्मान भी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सार्वजनिक सराहना न केवल उत्साह बढ़ाती है, बल्कि आमजन में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित भी करती है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विशेष रूप से भोपाल की 200 महिलाओं की टीम 'सकारात्मक सोच' का उल्लेख किया जो सफाई कार्य के साथ-साथ सामाजिक चेतना का संदेश देती है। उन्होंने बताया कि यह टीम न केवल 17 पार्कों की सफाई करती है बल्कि कपड़े के थैले बांटकर प्लास्टिक मुक्त अभियान को भी आगे बढ़ा रही है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड के ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार और चंदेरी के किलों को भारत की संस्कृति और स्वाभिमान का प्रतीक बताया और देशवासियों से इनके भ्रमण का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि "मन की बात" कार्यक्रम आज देशवासियों से सीधे संवाद का प्रभावी माध्यम बन गया है। इससे देशभर में चल रहे प्रेरक अभियानों की जानकारी मिलती है, जो राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में पक्षियों की गणना और गुप्त गोदावरी में स्वच्छता अभियान जैसी जानकारियां इसी कार्यक्रम से सामने आती हैं। डॉ. यादव ने भोपाल के समीप स्थित रातापानी टाइगर रिजर्व की भी चर्चा की और बताया कि इसे डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर के नाम पर समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि नगरीय सीमा से मात्र 15 किमी दूरी पर स्थित यह अभयारण्य वन्य जीव और मानव के सह-अस्तित्व का जीवंत उदाहरण है। यह स्थान "वसुधैव कुटुंबकम्" की भावना को साकार करता है। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि भोपाल सीमा के पास रायसेन जिले में रेल कोच निर्माण इकाई की स्थापना का भूमि पूजन आगामी 10 अगस्त को किया जाएगा। कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने स्थानीय रहवासियों के साथ बरगद का पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया।