आईएसआई जासूस: रामपुर के युवकों को भेजा पाकिस्तान

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शहजाद के दोस्त-परिवार पर खुफिया नजर, कई लोग हुए अंडर ग्राउंड
मुरादाबाद। आईएसआई के लिए जासूसी कर रहा शहजाद आतंकी हमले की साजिश भी रच रहा था। जांच में सामने आया कि उसने रामपुर के कई युवकों को पाकिस्तान भेजा और वीजा दिलाने में पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात दानिश ने मदद की। शहजाद का आईएसआई एजेंट्स से संपर्क तस्करी के दौरान हुआ था। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार टांडा निवासी शहजाद के बाद उनके परिवार के लोग व करीबी भी खुफिया एजेंसियों के निशाने पर है। शहजाद की रविवार को गिरफ्तारी हुई थी। उसे सोमवार को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया था। शहजाद मसालों के व्यापार की आड़ में पाकिस्तान आता-जाता था और वहीं आईएसआई एजेंटों के संपर्क में आकर जासूसी गतिविधियों में लिप्त हो गया था। एटीएस ने दो महीने तक उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और कॉल रिकॉर्डिंग सहित अन्य सबूतों के आधार पर मुरादाबाद से गिरफ्तार किया था। शहजाद को अदालत ने 31 मई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। एटीएस जल्द ही उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। सूत्रों के मुताबिक, शहजाद के संपर्क में कुछ और लोग भी थे, जिनकी गतिविधियों पर एजेंसियों की नजर है। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है और किसी अन्य को हिरासत में नहीं लिया गया है। खुफिया एजेंसी उनकी गतिविधियों पर नजर रखी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक परिवार के लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
आतंकी हमला अंजाम देने की साजिश रच रहा था जासूस शहजाद
मुरादाबाद से गिरफ्तार आईएसआई जासूस शहजाद किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश का ताना-बाना बुन रहा था। खुफिया एजेंसियों ने इसकी भनक लगने के बाद उसकी निगरानी शुरू कर दी थी, जिसके बाद उसे दबोच लिया गया। उसने रामपुर के कई युवकों को पाकिस्तान भेजा था। उनके लिए वीजा का इंतजाम भी किया था। अब एटीएस उन युवकों के बारे में जानकारी जुटा रही है। सूत्रों के मुताबिक जांच में सामने आया है कि दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात दानिश आईएसआई एजेंट्स के इशारे पर शहजाद और उसके साथियों को वीजा दिलाने में मदद करता था। बता दें कि दानिश ने ही हरियाणा निवासी ज्योति मेहरोत्रा को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम किया था, जिसे जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।
दरअसल, तस्करी के दौरान शहजाद का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट्स से संपर्क हुआ था, जिसके बाद उनके बीच व्हाट्सएप पर बातचीत होने लगी थी। एजेंट्स ने उससे कई गोपनीय सूचनाएं जुटाकर भेजने को कहा ताकि कोई आतंकी घटना अंजाम दी जा सके। धीरे-धीरे उसने रामपुर के कुछ युवाओं को कॉस्मेटिक, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, महिलाओं के कपड़े की तस्करी के काम में अपने साथ जोड़ा और उनका वीजा आईएसआई एजेंट्स की मदद से हासिल कर लिया। एटीएस को शक है कि पाकिस्तानी एजेंट्स से मिलने वाली रकम को भारत में जासूसी करने वाले लोगों को मुहैया कराने के साथ अलगाववादी और विंध्वसकारी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए जुटा रहा था। उसके मोबाइल की फॉरेंसिक जांच में एजेंट्स से मिलने वाली रकम का ब्योरा हासिल करने की कवायद की जा रही है। उसे रिमांड पर लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले बाकी एजेंट्स के बारे में पूछताछ करने की तैयारी है।