इंदौर । 
इंदौर में 100 करोड़ से अधिक कीमत वाली संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री तैयार करने के मामले में पंढरीनाथ पुलिस ने अज्ञात पर एफआइआर दर्ज कर ली है। अब पुलिस फॉरेंसिक जांच करेगी। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि ये फर्जी रजिस्ट्री कब बनाई गई? पेपर, सील, गोंद और बाइंडिग कब की है? इस आधार पर आरोपी तय होंगे।
कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर FIR
कुछ महीनों पहले वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा के पास शिव विलास पैलेस के एक प्लॉट की शिकायत पहुंची थी। इसमें पुराने रिकॉर्ड में हेरफेर कर फर्जी रजिस्ट्री तैयार की गई थी। मामले की जानकारी कलेक्टर आशीष सिंह(Indore Collector Ashish Singh) को दी गई तो उन्होंने एफआइआर दर्ज कराने के साथ एक कमेटी बनाकर रिकॉर्ड सेक्टर में जांच शुरू कराई। हाल ही कमेटी ने रिपोर्ट पेश की, जिसमें 20 दस्तावेजों में हेरफेर करना पाया गया। इन संपत्तियों की कीमत 100 करोड़ से अधिक है। कलेक्टर के निर्देश पर उप जिला पंजीयक प्रदीप निगम की शिकायत पर पंढरीनाथ पुलिस ने अज्ञात आरोपी पर 420, 467 व 468 जैसी गंभीर धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। पुलिस यह जांच भी करेगी कि इन दस्तावेजों की नकल किसने ली और उसका क्या उपयोग किया? बाद में जमीन का नामांतरण हुआ और उसके आधार पर बैंक लोन किसने लिया? इस षड्यंत्र में किस-किस की भूमिका है? इसमें दलाल, विभाग के कर्मचारी और जालसाजी करने वाला भी सामने आएगा।
दो मामलों में रजिस्ट्रार विभाग ने एफआइआर
फर्जीवाड़े के दो मामलों में रजिस्ट्रार विभाग ने एफआइआर दर्ज कराई है। मुंबई के हस्तीमल चौकसे की शिकायत पर शिव विलास पैलेस के प्लॉट का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था। वे अपने प्लॉट का टैक्स जमा करने निगम पहुंचे थे तो मालूम हुआ कि निगम के रिकॉर्ड में दूसरे का नाम है। जांच के बाद एमजी रोड थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। विभाग के रिकॉर्ड रूम प्रभारी मर्दन सिंह रावत को सस्पेंड कर दिया गया था।