सागर, सबकी खबर। 
सोमवार को सबकी खबर पर एक खबर दिखाई थी और आज उसका असर हो गया है। दरअसल कल हमने बताया था कि सागर जिले के केसली तहसील के आसपास के  पांच गांव की जमीनें कोई ऐसा व्यक्ति खरीद  रहा है जिसका नाम सामने नहीं आ रहा है।  लगभग 500 एकड़ जमीन के सौदे हुए हैं। और  यह खबर हमने इस आधार पर दिखाई थी कि 24  जुलाई के अखबार में दैनिक भास्कर में लगभग  एक पेज का पूरा विज्ञापन छपा है और इस  विज्ञापन में भोपाल के एक वकील है मनीष  रावतिया। उन्होंने कहा है कि मेरे क्लाइंट  ने केसली के आसपास के पांच गांव की 469  एकड़ जमीन का सौदा कर लिया है और किसी को  आपत्ति हो तो वो लिख कर दे सकता है। अब  सबसे बड़ी बात यह थी कि केसली एक छोटा सा  स्थान है। उसके आसपास के पांच गांव इन  गांव के नाम मैं बता रहा हूं। चकलवी,  लेखी, ईदलपुर, खेरी, सेमरा और झरिया इन  गांव की करीब करीब 469 एकड़ जमीन पर के  सौदे हो गए। लेकिन वहां ना किसानों को पता  है, ना पटवारियों को पता है, ना वहां के एसडीएम को पता है, एडिशनल कलेक्टर को पता  है कि आखिर यह व्यक्ति कौन है? जो व्यक्ति 500 एकड़ जमीन के सौदे कर रहा है। जब यह विज्ञापन छपा दैनिक भास्कर में उसके बाद लोगों के कान खड़े हुए। हमने भी मनीष  रावतिया जी को फोन लगाया वकील साहब को तो  उन्होंने कहा कि हम अपने जो क्लाइंट है उसका नाम नहीं बताएंगे। वहां पर जो एसडीएम है  गगन बिश्नोई उनका कहना है कि  किसान कह रहे हैं कि उन्होंने कोई सौदे ही नहीं किए। कोई एडवांस ही नहीं लिया है। तो  आखिर यह किस आधार पे विज्ञापन छपा है। मतलब टोटल यदि इसको कैलकुलेट करके आप एकड़ में निकालेंगे तो लगभग 469 एकड़ जमीन है।  कल हमारी इस खबर के बाद में एसडीएम का यही  कहना था कि वो उन्होंने वहां कैंप किया है  और पता नहीं चल पा रहा है। वकील का कहना है कि मैं क्लाइंट का नाम नहीं बताऊंगा।  आज कलेक्टर सागर सामने आए। संदीप जीआर जो  कलेक्टर हैं उनका कहना है कि इस संबंध में  हमने पता लगाने की कोशिश की लेकिन पता  नहीं चल पा रहा है कि आखिर कौन है जो  केसली के आसपास के गांव की जमीनें इतनी  बड़ी तादाद में खरीद रहे हैं। तो कलेक्टर  ने फिलहाल जिला पंजीयक को पत्र लिख दिया  है और केसली के आसपास के गांव की जमीन की  खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है। बग़ैर  कलेक्टर से पूछे बगैर वहां प्रशासन से  पूछे फ़िलहाल केसली तहसील में कोई  रजिस्ट्रियां नहीं होंगी। होंगी तो जो पुराने अनुबंध होंगे छोटे-मोटे लेकिन यह  जो विज्ञापन छपा है जिसमें ये विज्ञापन  में नाम दिए हैं किसानों के खसरे नंबर दिए  हैं। इनकी रजिस्ट्रियों पर फिलहाल कलेक्टर  ने रोक लगा दी है। बड़ी खबर है कि सागर  जिले का कैशली एक छोटा सा स्थान है और  वहां 500 एकड़ जमीन की खरीद फरोख्त हो रही  है। कलेक्टर का यह भी कहना है  कि हमने पता लगाया था इसमें से लगभग 20  एकड़ जमीन ऐसी है जो सारी सरकारी पट्टे की 
है। बाकी निजी किसानों की जमीन है और यह  भी तय है कि वहां कोई आदिवासियों की  जमीन नहीं है। यह जो पूरा विज्ञापन छपा है इसमें आदिवासियों की जमीन नहीं है। तो उस 
पर कलेक्टर रोक नहीं लगा सकते हैं। लेकिन फिलहाल कलेक्टर इसके पूरे जांच के आदेश  दिए हुए हैं कि आखिर कौन यह जमीनें खरीद रहा है। कोई कंपनी है, कोई व्यक्ति है,  किसी दूसरे राज्य का कोई बड़ा किसान है। ये तमाम सारी चीजों का लेकिन सबसे बड़ा  संदेह तब पैदा होता है जब एसडीएम ने फोन लगाया हमने फोन लगाया और जो वकील हैं  रावतिया जी मनीष रावतिया वो बताने को तैयार नहीं है कि ये क्लाइंट कौन है और  कौन है जो केसली के आसपास जमीनें खरीद रहा है। कलेक्टर ने फिलहाल रोक लगा दी है। कोई बिक्री नहीं होगी। किसान कह रहे हैं कि हमसे तो सौदे ही नहीं हुए। हमें कोई पेमेंट ही नहीं मिला और विज्ञापन में छपा है कि किसानों को पेमेंट कर दिया गया है।