मुख्यमंत्री डॉ. यादव बोले- विकास कार्य समय पर करें पूरे

- निर्माण की गुणवत्ता में कमी मिली तो अधिकारी होंगे जिम्मेदार
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहडोल संभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि जन-प्रनिधियों के सभी सुझावों पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को बताया कि शहडोल संभाग के प्रभारी अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई 7 जनवरी 2025 को शहडोल में बैठक लेंगे। सभी जनप्रतिनिधि अपने सुझाव-पत्र दें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को रीवा और शहडोल संभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी निर्माण और विकास कार्य मापदंडों के अनुसार समय पर पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर निर्माण कार्यों में गुणवत्ता में कमी पाई गई, तो इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि विकास कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि अधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन इसी से किया जाएगा। बैठक में जल संसाधन, लोक निर्माण, ऊर्जा, वन, उच्च शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन समेत विभिन्न विभागों के लंबित कार्यों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों के सुझावों को भी अमल में लाने की बात कही और कहा कि जो कार्य जनता को तुरंत राहत देंगे, उन्हें प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने सीधी जिले के गोड सिंचाई परियोजना और सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग के उन्नयन कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
मैहर और मऊगंज जिलों में नवीन कलेक्ट्रेट भवन बनेंगे
बैठक में बताया गया कि बताया कि रिडेन्सीफिकेशन योजना के अंतर्गत नवगठित मैहर एवं मऊगंज जिले में नवीन कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण किया जाएगा। मऊगंज में 3 सी टाइप के आवास गृहों का निर्माण भी पीडब्ल्यूडी (भवन विंग) द्वारा किया जाएगा। दोनों जिलों के नए कलेक्ट्रेट भवन करीब 43-43 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे।
चित्रकूट का अयोध्या की तर्ज पर विकास होगा
इसके अलावा, उन्होंने चित्रकूट के विकास के लिए नगर परिषद और म.प्र. हाऊसिंग बोर्ड से प्रस्ताव की समीक्षा की और कहा कि इसे अयोध्या की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। चित्रकूट का अब अयोध्या की तर्ज पर विकास किया जाएगा। बैठक में बताया कि चित्रकूट के समग्र विकास के लिए नगर परिषद चित्रकूट द्वारा 60 करोड़ रुपये और म.प्र. हाऊसिंग बोर्ड द्वारा 88 करोड़ रुपये का विकास प्रस्ताव शासन को भेजा गया गया।