• जोन वार टीमें बनाईं, गाड़ियां घूमेंगी; रेंडरिंग प्लांट में वेस्ट पहुंचेगा

भोपाल। राजधानी भोपाल में ईदुल अजहा (बकरीद) 7 जून शनिवार को मनेगी। इसके बाद 3 दिन तक कुर्बानी का सिलसिला चलेगी। नगर निगम कुर्बानी के अवशेष इकट्‌ठा करेगा। जिसे आदमपुर खंती में बने रेंडरिंग प्लांट पर ले जाया जाएगा। जहां मुर्गी, बिल्लियों के लिए दाने बनाए जाएंगे। नगर निगम ने सभी 21 जोन के लिए टीमें भी बनाई है। सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे सभी 85 वार्डों में गाड़ियां चलाकर कुर्बानी के अवशेष को इकट्‌ठा करें। वहीं, उनके मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। इसे लेकर गुरुवार को महापौर मालती राय ने ईद और स्वच्छता विषय पर बैठक भी की। ऐसा पहली बार होगा, जब रेंडरिंग प्लांट में सारा वेस्ट जाएगा और फिर इससे मुर्गी-बिल्लियों के लिए दाने बनाए जाएंगे।

क्या है रेंडरिंग प्लांट? रेंडरिंग प्लांट में पशुओं के शव या मांस के अपशिष्ट को इकट्‌ठा किया जाता है। इनमें खाल, चर्बी, हड्‌डी भी शामिल हैं। प्लांट में शव को छोटे टुकड़ों में काटा जाता है और फिर उच्च तापमान पर पकाया जाता है। सारी प्रोसेस पूरी करने के बाद जानवरों के लिए दाने तैयार किए जाते हैं। महापौर राय ने बताया कि इस साल नगर निगम ने आदमपुर छावनी में रेंडरिंग प्लांट स्थापित किया है। जिसमें स्लाटर वेस्ट से मुर्गी व मछली के लिए दाना तैयार किया जाएगा। यह प्लांट मध्यप्रदेश में अपने किस्म का पहला प्लांट है। रेडरिंग प्लांट में स्लाटर वेस्ट का उपयोग होने से अब पूर्व की तरह स्लाटर वेस्ट को जमीन में गाड़ा नहीं जाएगा। स्लाटर वेस्ट को अस्थायी सेकेंडरी स्टोरेज पाइंट पर एकत्र कर सीधे आदमपुर छावनी स्थित रेडरिंग प्लांट भेजा जाएगा।

शहर में रखे जाएंगे कंटेनर महापौर राय ने अस्थायी सेकेंडरी स्टोरेज पाइंट एवं अन्य स्थानों पर आवश्यक रसायन, शहर में पर्याप्त मात्रा में कंटेनर आदि की व्यवस्था भी करने को कहा है। उन्होंने बताया कि शहर में 43 अस्थायी पशुवध गृह बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा जोन क्षेत्रों से स्लाटर वेस्ट एकत्रित कर जिंसी स्लाटर हाउस व अस्थायी सेकेंडरी स्टोरेज पाइंट और वहां से आदमपुर छावनी स्थित रेडरिंग प्लांट भेजा जाएगा। शहर के विभिन्न जोन क्षेत्र में 91 कंटेनर रखे जाएंगे।

गली-मोहल्लों में जाकर मीटिंग भी कर रहा निगम कुर्बानी के अवशेषों को इकट्‌ठा करने के लिए तीन दिन नगर निगम की गाड़ियां वार्डों में पहुंचेंगी। ताकि, अवशेष को खुले या सार्वजनिक स्थानों पर न फेंका जाए। इसके लिए निगमकर्मी गली-मोहल्लों में जाकर बैठकें भी कर रहे हैं।