• पराक्रम दिवस इवेंट में शामिल होंगे
  •  सोशल मीडिया पर लिखा- भावी पीढ़ी के लिए संदेश दूंगा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पोस्ट में पीएम ने लिखा- भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है क्योंकि हम उनके सपनों के भारत के निर्माण की दिशा में काम करते हैं। पीएम मोदी ने एक और पोस्ट में लिखा कि सुबह करीब 11:25 बजे मैं पराक्रम दिवस कार्यक्रम में अपना संदेश साझा करूंगा। यह दिन हमारी आने वाली पीढ़ियों को चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस अपनाने के लिए प्रेरित करे, जैसा कि सुभाष बाबू ने किया था। 23 जनवरी को शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की भी 99वीं जयंती है। पीएम मोदी, अमित शाह ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इधर, शिवसेना बीटी के नेता संजय राउत ने कहा- शिंदे, देवेंद्र फडणवीस जैसे लोग ट्विटर पर बालासाहेब ठाकरे को श्रद्धांजलि देते हैं, तो यह सबसे बड़ा पाखंड है। संजय राउत ने कहा, बालासाहेब ठाकरे को भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दौरान ऐलान करना चाहिए। 23 जनवरी 1897 को सुभाष चंद्र बोस का जन्म एक संपन्न परिवार में हुआ था। सुभाष के पिता जानकीनाथ बोस नामी वकील थे। उनका शुरुआती जीवन ओडिशा के कटक में बीता। उनके 9 भाई-बहन थे। सुभाष शुरुआती दिनों से ही मेधावी छात्र थे, इसलिए कटक से कलकत्ता आकर मशहूर प्रेसिडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया था। सुभाष चंद्र बोस ने कलकत्ता के ही स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बीए किया। बाद में लंदन चले गए। जहां आईसीएस की परीक्षा में उन्हें मेरिट लिस्ट में चौथा स्थान मिला। बोस जब इंग्लैंड से पढ़ाई करके भारत लौटे तो 25 साल के हो चुके थे।