• मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश

भोपाल । मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ रुपए के कथित घोटाले को लेकर मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा हंगामा हुआ। पीएचई मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ जांच आदेश को लेकर कई मंत्रियों ने आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए और सवाल उठाया कि कोई अधीनस्थ अधिकारी मंत्री के खिलाफ जांच का आदेश कैसे दे सकता है। अब इस मामले में अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। भोपाल में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जल जीवन मिशन से जुड़े 1000 करोड़ रुपये के कथित कमीशन मामले पर जोरदार हंगामा हुआ। पीएचई मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ जांच आदेश को लेकर कई मंत्रियों ने विरोध दर्ज कराया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पर सहमति जताते हुए न सिर्फ जांच का आदेश दिया, बल्कि इस पूरे प्रकरण की गहराई से पड़ताल कराने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि कोई अधीनस्थ अधिकारी किसी मंत्री के खिलाफ जांच का आदेश कैसे दे सकता है। उन्होंने मुख्य सचिव से नाराजगी जताते हुए पूछा कि इतनी गंभीर बात उन्हें पहले क्यों नहीं बताई गई। सीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में शामिल जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

ईएनसी को अनुशासनहीनता का नोटिस
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता संजय अंधवान को इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विभागीय प्रमुख सचिव पी. नरहरि ने अनुशासनहीनता के लिए नोटिस जारी किया है। बताया गया कि ईएनसी ने बिना उच्चस्तरीय निर्देश के जांच बैठा दी थी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया।

ईई को नोटिस देकर खुद को बचाने की कोशिश
ईएनसी संजय अंधवान ने जांच के आदेश पर सवाल उठने के बाद कार्यपालन यंत्री मनोज अवस्थी को कारण बताओ नोटिस थमा दिया। माना जा रहा है कि अंधवान ने अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए यह कदम उठाया।

सोशल मीडिया पर आदेश वायरल होते ही पलटा विभाग
ईएनसी द्वारा जारी जांच आदेश में जल जीवन मिशन के 30 हजार करोड़ रुपये के खर्च, मंडला जिले के इंजीनियर की संपत्तियों और प्रोजेक्ट डायरेक्टर्स से रिपोर्ट की मांग शामिल थी। लेकिन जैसे ही यह आदेश सार्वजनिक हुआ, विभाग ने तत्काल पलटी मारते हुए प्रेस नोट जारी किया। इसमें कहा गया कि मंत्री पर लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन और मनगढ़ंत हैं तथा शिकायतकर्ता ने कोई ठोस सबूत नहीं दिया।

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला बोले- आदिवासी महिला मंत्री पर बेबुनियाद आरोप लगाना निंदनीय
मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्री संपत्तियों उइके पर लगाए गए आरोपों को लेकर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे लोग हैं, जो केवल खुद को हाईलाइट करने के लिए इस तरह के आरोप लगाते हैं। आरोप लगाने से पहले यह देखना जरूरी है कि उस व्यक्ति की पृष्ठभूमि क्या है। डिप्टी सीएम शुक्ल ने कहा कि यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह आधारहीन हैं। जिस मंत्री पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उनकी अपनी एक प्रतिष्ठा है और वह एक सशक्त राजनीतिक पृष्ठभूमि से आती हैं। 
उन्होंने आगे कहा कि मंत्री संपत्तियों उइके आदिवासी समाज से आती हैं और एक महिला नेता हैं, जो बड़ी लगन और निष्ठा के साथ अपने दायित्व निभा रही हैं। शुक्ला ने कहा कि विधानसभा में जब वह बजट पर अपनी बात रख रही थीं, तब सभी सदस्यों ने उनकी सराहना की थी। अपने विभाग का संचालन वे बहुत अच्छी तरह से कर रही हैं। राजेन्द्र शुक्ल ने बिना नाम लिए आरोप लगाने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासी महिला नेता को टारगेट करना बेहद निंदनीय है। इस तरह के आरोप लगाकर किसी की छवि खराब करना ठीक नहीं है। समाज को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।