• ब्याज दर में कटौती के आरबीआई के फैसले पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार जल्द ही चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने पर फैसला लेगी। चीनी का एमएसपी 31 रुपये प्रति किलोग्राम है। यह दर फरवरी 2019 में तय की गई थी। आटा मिलों की मजबूत मांग के बीच घटती आपूर्ति के कारण गेहूं की कीमतें सोमवार को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। रिकॉर्ड कीमतों से खुदरा महंगाई बढ़ने की संभावना है। महंगाई बढ़ी तो ब्याज दर में कटौती के आरबीआई के फैसले को प्रभावित कर सकती है। आटा मिलों के मुताबिक, बाजार में गेहूं की आपूर्ति सीमित है। रिकॉर्ड कीमतें चुकाने के बाद भी आटा मिलें पूरी क्षमता से काम करने में सक्षम नहीं हैं। दिसंबर में सरकार ने अनाज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कारोबारियों के लिए भंडार की सीमा कम कर दी थी। हालांकि, सरकार का यह तरीका कीमतों को कम करने में विफल रहा। सरकार के उपरोक्त फैसले के बाद भी नई दिल्ली में गेहूं की कीमतें लगभग 33,000 रुपये प्रति टन पर कारोबार कर रही हैं। अप्रैल में यह 24,500 रुपये से अधिक थीं। साथ ही, पिछले सीजन की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 22,750 रुपये से भी काफी ज्यादा थीं। मिल मालिकों का कहना है कि भंडारण सीमा आपूर्ति में सुधार करने और कीमतों को नीचे लाने में विफल रही। इससे पता चलता है कि निजी कंपनियों के पास कुछ आपूर्ति है और सरकार को अपने भंडार से थोक ग्राहकों को अधिक गेहूं बेचने की जरूरत है।
एफसीआई हर हफ्ते बेच रहा गेहूं
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) हर हफ्ते थोक ग्राहकों को 100,000 टन गेहूं बेच रहा है, लेकिन यह मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। नवंबर में सरकार ने मार्च 2025 में समाप्त होने वाले वर्ष में राज्य के भंडार से थोक ग्राहकों को 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी। यह पिछले सीजन में बेचे गए लगभग एक करोड़ टन से काफी कम है। एफसीआई के पास गेहूं सीमित है, जिससे वह निजी कंपनियों को ज्यादा गेहूं नहीं दे पा रहा है। दिसंबर की शुरुआत में राज्य के गोदामों में गेहूं का भंडार 2.06 करोड़ टन था, जो पिछले साल के 1.92 करोड़ टन से थोड़ा अधिक है।
सरकार चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने पर जल्द लेगी फैसला 
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार जल्द ही चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने पर फैसला लेगी। चीनी का एमएसपी 31 रुपये प्रति किलोग्राम है। यह दर फरवरी 2019 में तय की गई थी। जोशी ने एक कार्यक्रम के इतर कहा कि चीनी की एमएसपी बढ़ाने की मांग हो रही है। मंत्रालय इस मामले पर विचार कर रहा है। हम जल्द ही निर्णय लेंगे कि एमएसपी बढ़ाई जाए या नहीं। भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (आईएसएमए) तथा राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ (एनएफसीएसएफ) एमएसपी को बढ़ाकर 39.14 रुपये प्रति किलोग्राम या 42 रुपये प्रति किलोग्राम करने पर जोर दे रहे हैं ताकि उत्पादन लागत को बेहतर ढंग किया जा सके और चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति को सहारा मिल सके।