भोपाल, सबकी खबर।
भारतीय जनता पार्टी के अरबपति विधायक  संजय पाठक को लेकर संघ भी नाराज है, संगठन  भी नाराज है और सरकार भी नाराज है। अब इस  बात का साफ-साफ एक उदाहरण से समझ सकते  हैं। संजय पाठक को मध्य प्रदेश विधानसभा  में अग्रिम पंक्ति से हटाकर पीछे की  पंक्ति में भेज दिया गया है। और एक बहुत बड़ा संदेश दे दिया गया है कि अब संजय  पाठक उतने दुलारे नहीं रहे जो पहले हुआ करते थे। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलने के बाद मध्य प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष बदलने के बाद संजय पाठक का कद 
भारतीय जनता पार्टी ने बौना कर दिया है। दरअसल संजय पाठक आपको पता है 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। इसके पहले वे और उनके पिता कांग्रेस में रहे हैं। वे कांग्रेस से विधायक भी रह चुके हैं। लेकिन अभी वर्तमान में जो मुख्यमंत्री हैं, वर्तमान में जो संगठन है, वह संजय पाठक से खुश नहीं है। मौजूदा सरकार ने संजय पाठक पर शिकंजा कसना शुरू काफी समय पहले कर दिया था। संजय पाठक की खदानों की जांच चल रही है। अब खबर यह आ रही है कि जांच के बाद उनके ऊपर मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने ₹540 करोड़ का फाइन कर  दिया है। अब यह फाइन यह ब्याज के साथ  लगेगा तो यह 1000 करोड़ हो सकता है। एक एक झटका संजय पाठक को लगा। पहला झटका लगा के  खनिज विभाग ने उनके खिलाफ जांच टीम बनाई। जांच की गई। जांच के बाद 540 करोड़ का फाइन लगाया गया। दूसरा और बड़ा और मतलब  कहना चाहिए एक तगड़ा झटका संजय पाठक को लगा जब उनके परिवार की कंपनियों ने जो सहारा की जमीनें खरीदी थी भोपाल में जबलपुर में और कटनी में इन जमीनों की खरीद फरोख्त में लगभग 72 करोड़ के घोटाले पर आर्थिक अनिमितता पर आप समझ ले सहारा में जमीन बेचने वालों पर एफआईआर दर्ज की। अब तीसरा झटका संगठन ने दे दिया है। मध्य प्रदेश विधायक दल मध्य प्रदेश संगठन से पूछकर ही विधायकों की सीटें तय करते हैं। कौन  विधायक सदन में कहां बैठेगा? कौन अग्रिम  पंक्ति में रहेगा? कौन पीछे की पंक्ति में जाएगा? यह संगठन से पूछकर विधायक दल करता  है। मजेदार बात यह है कि पहली बार शायद  मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार किसी वरिष्ठ विधायक को अग्रिम पंक्ति से हटाकर  पीछे की पंक्ति में भेजा गया है। संजय  पाठक अभी तक 169 नंबर सीट पर बैठते थे जो सबसे आगे की सीट थी। जो सबसे आगे इस तरह  से आप देखेंगे गोल है तो मुख्यमंत्री से  शुरू हो के और राउंड में नेता प्रतिपक्ष पे जाके खत्म होता है यह राउंड। तो यह राउंड का जो बीच का एकदम अध्यक्ष के सामने  169 नंबर सीट हुआ करती थी। संजय पाठक वहां शान से बैठा करते थे।  लेकिन अब इस बार जो चार्ट आया है संजय पाठक को उठा के पीछे की सीट 50 नंबर सीट पर बिठा दिया गया है। यह पहली बार हुआ है। जैसे-जैसे विधायक वरिष्ठ होते हैं, उन्हें अग्रिम पंक्ति में लाया जाता है। पीछे की पंक्ति से एक पंक्ति आगे, फिर एक पंक्ति आगे, फिर एक पंक्ति आगे। संजय पाठक शिवराज  सिंह चौहान और वीडी शर्मा टीम के समय में अग्रिम पंक्ति में आने में सफल हो गए थे। लेकिन अब संजय पाठक डॉक्टर मोहन यादव और हेमंत खंडेलवाल की टीम के दौरान पीछे की पंक्ति में भेज दिए गए हैं और यह कोई अपमान से कम नहीं है। आगे से पीछे धकेलना यह एक तरह से किसी भी विधायक का अपमान से कम नहीं है। लेकिन संजय पाठक बार-बार आपकी सरकार, आपका संगठन, आपके नेता आपको संकेत दे रहे हैं कि अब आपका भारतीय जनता पार्टी में दाना पानी मुझे लगता है उठ गया है। भारतीय जनता पार्टी में आपका वो सम्मान  रहा नहीं।