रीवा में करोडों को भ्रष्टाचार, ठेकेदारों के लिए बदल दी टेंडरों की राशि
रीवा
लोक निर्माण विभाग (विद्युत यांत्रिकी) रीवा में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता का मामला सामने आया है। इस संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई गई है और संबंधित दस्तावेज भी सौंपे गए हैं। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि विभाग में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्री सहित कई अन्य अधिकारियों ने सुनियोजित साजिश रचकर ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिससे विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। ईओडब्ल्यू(MP News) में शिकायत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का दावा किया है। शिकायत के अनुसार, कार्यपालन यंत्री विनय श्रीवास्तव और अन्य अधिकारियों ने टेंडरों की राशि में अनियमित रूप से 231 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। इसके अतिरिक्त बिना समुचित स्वीकृति और तकनीकी अनुमोदन के भुगतान किए गए हैं। एसओआर आइटस के आधार पर कार्य कराकर अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया है।
यह भी आरोप
यह भी आरोप है कि कई ऐसे संविदाकार हैं जिन्हें बार-बार टेंडर देकर करोड़ों का लाभ पहुंचाया गया है, जिसके दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध होने का दावा किया गया है। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेजों में यह भी कुछ जगह उल्लेख किया गया है कि विधायक राजेंद्र शुक्ला के निर्देश पर ऐसा किया गया है। इस पर सवाल उठाया गया है कि जनप्रतिनिधि ने यदि कहीं कार्य की आवश्यकता के अनुसार राशि बढ़ाने की बात कही है तो उसका गलत तरीके से फायदा उठाते हुए 80 गुना तक बढ़ा दिया गया है। जांच में यह पूरी तरह से स्पष्ट होना चाहिए और यदि कोई जनप्रतिनिधि जिमेदार है तो उस पर भी प्रकरण दर्ज करने की मांग उठाई गई है।