• राज्य आनंद संस्थान एवं मप्र जन अभियान परिषद के बीच हुआ एमओयू

  • मुख्यमंत्री कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दो दिवसीय नेशनल हैप्पीनेस सेमिनार में हुए शामिल

  • मुख्यमंत्री ने सभी के जीवन में आनंद की कामना की

कार्यक्रम में म.प्र. जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) डॉ. मोहन नागर, श्री रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ, कोलकाता से आए स्वामी श्री समर्पणानन्द जी, पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश अरोड़ा, आईआईएम इंदौर के पूर्व निदेशक डॉ. एन. रविचन्द्रन, प्रमुख सचिव, आनंद विभाग श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ श्री आशीष कुमार गुप्ता सहित बड़ी संख्या में सुधिजन एवं आनंदक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक के जीवन में हर्ष, आनंद और खुशहाली लाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनहितैषी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग को लाभान्वित कर रही है। नागरिकों के जीवन में खुशहाली और संतोष ही हमारी सबसे बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि कष्ट सहकर भी जीवन देने का सुख पाये, वो है माता और साधक बनकर भी जीवन का असीम सुख पाये वो है सन्यासी। कष्ट में भी सुख है, इसलिए जीवन का मर्म समझिए कि परमात्मा ने हम सबको आनंद में जीवन जीने के लिए इस धरा पर भेजा है, इसलिए जीवन को आनंदमय होकर ही जियें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे सकारात्मक दृष्टिकोण से सरकार के साथ मिलकर एक खुशहाल समाज के निर्माण में योगदान दें। आनंद विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस दो दिवसीय नेशनल हैप्पीनेस सेमिनार का उद्देश्य आनंद के नए आयाम और नित नई परिस्थितियों में आनंद की खोज करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समक्ष राज्य आनंद संस्थान भोपाल एवं म.प्र. जन अभियान परिषद के बीच एम.ओ.यू (समझौता ज्ञापन) का आदान-प्रदान हुआ। यह समझौता ज्ञापन मात्र प्रपत्रों का आदान-प्रदान न होकर दो जमीन स्तर से प्रभावी संगठनों के समन्वय की महत्वाकांक्षी पहल है। यह समझौता दोनों विभागों के बीते एक वर्ष में कुल 24 हजार 310 और बीते तीन वर्षों में 72 हजार 390 लोगों के जीवन में स्वैच्छिकता और आनंद का कारक बना।

स्वामी समर्पणानन्द जी ने कहा कि हम सभी को प्रकृति के प्रति और परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। हम अपनी सांस्कृतिक परम्पराओं के संवाहक बनें और मनुष्य में निहित देव गुणों को उभारें। यह मानव जाति की सेवा के लिए हमें प्रेरित करेगा और जब आप सच्चे मन से किसी की सेवा करते हैं तो जो शांति मिलती है, वही आनंद है और वही जीवन का सार है। उन्होंने देश में आनंद विभाग स्थापित करने वाली मध्यप्रदेश सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को पंच महा-अमृत शीलों का पालन करना चाहिए, इससे जीवन में खुशहाली आएगी।