• रेलवे ने मंजूर की ड्राइंग, सिंहस्थ से पहले होगा तैयार

  • रोजाना गुजरते है 30 हजार वाहन

इंदौर। एमआर-10 पर आवागमन की सुविधा के लिए वर्तमान रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के समानांतर ही चार लेन का नया आरओबी बनाया जाएगा। रेलवे ने इसकी ड्राइंग को मंजूरी दे दी है। अब इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) टेंडर जारी करेगा। सिंहस्थ से पहले चार लेन आरओबी का निर्माण किया जाएगा। इसके बनने से वाहनों का आवागमन आसान होगा और वर्तमान चार लेन आरओबी से दबाव भी कम होगा। बोर्ड बैठक में सहमति के बाद आईडीए ने रेलवे को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा था। रेलवे ने जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) को मंजूरी दे दी है। सिंहस्थ में वाहनों का सबसे ज्यादा दबाव एमआर-10 पर रहेगा, इसलिए इसका निर्माण दो सालों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। चार लेन आरओबी के निर्माण के लिए आईडीए ने 60 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत तय की है। निर्माण के बाद वर्तमान आरओबी को जाने के लिए और नए आरओबी को आने के लिए उपयोग किया जाएगा। फिलहाल, एमआर-10 के सभी वाहनों का दबाव मौजूदा आरओबी पर है। नया चार लेन आरओबी बनने के बाद एमआर-10 और सुपर कॉरिडोर पूरी तरह से आठ लेन हो जाएगा। सुपर कॉरिडोर पर बना रेलवे आरओबी पहले ही आठ लेन का है।

एमआर-4 से होगी कनेक्टिविटी

सरवटे बस स्टैंड से कुमेड़ी आईएसबीटी तक बनने वाली एमआर-4 सड़क को भी चौड़ा किया जा रहा है। यह सड़क कुमेड़ी में एमआर-10 से मिलेगी। इससे आने वाले वाहनों का दबाव भी एमआर-10 पर ही पड़ेगा। वहीं, कुमेड़ी आईएसबीटी से चलने वाली बसों और उज्जैन की ओर जाने वाले वाहनों का दबाव भी एमआर-10 आरओबी पर बढ़ेगा। इसलिए आरओबी को आठ लेन किया जा रहा है।

टेंडर फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू

निर्माण कार्य के लिए टेंडर फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गर्मी के मौसम में ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। ज्ञात हो कि एमआर-10 पर टोल पहले ही समाप्त किया जा चुका है। वर्तमान फोर लेन ब्रिज पर वाहनों का अत्यधिक दबाव होने से जाम की स्थिति बन जाती है। ब्रिज की चौड़ाई बढ़ने से ट्रैफिक सुगम होगा और लवकुश चौराहा से चंद्रगुप्त मौर्य चौराहा तक राहत मिलेगी।

आठ लेन सड़क पर बॉटलनेक, चौड़ाई नहीं बढ़ा सकते

वर्तमान में यह ब्रिज आठ लेन सड़क पर स्थित है और सुपर कॉरिडोर व एमआर-10 के जंक्शन पर बना है। 2007 में निर्मित यह फोर लेन ब्रिज सुपर कॉरिडोर से उज्जैन रोड और एमआर-10 होते हुए विजय नगर की ओर जाने वाले ट्रैफिक के लिए बॉटलनेक बन गया है। इसलिए इसकी चौड़ाई बढ़ाने की योजना बनाई गई। पहले दोनों ओर ब्रिज चौड़ा करने का सर्वे किया गया, लेकिन तकनीकी कठिनाइयों और ट्रैफिक की अधिकता के कारण वर्तमान ब्रिज के समानांतर एक नया ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही नदी पर बने ब्रिज की चौड़ाई भी बढ़ाकर आठ लेन की जाएगी।

इसलिए आठ लेन किया जाना जरूरी

वाहनों की संख्या बढ़ी: पहले यहां से रोजाना 10,000 से कम वाहन गुजरते थे, अब यह संख्या 30,000 से अधिक हो गई है। शहर का विस्तार एमआर-10, उज्जैन रोड और सुपर कॉरिडोर की ओर तेजी से हो रहा है। आवासीय कॉलोनियों, टाउनशिप, कॉमर्शियल कंपनियों के कार्यालयों और उद्योगों की संख्या भी बढ़ी है। भारी वाहनों के साथ-साथ दोपहिया और कारों की संख्या भी बढ़ रही है।

आईएसबीटी शुरू होने से ट्रैफिक में इजाफा: वर्तमान में इस आरओबी के समीप कुमेड़ी में इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) का निर्माण हो रहा है, जिसे दिसंबर तक शुरू करने की योजना है। इसके बाद इस ब्रिज से यात्री और बसों की आवाजाही और अधिक बढ़ जाएगी।