• मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति, धान उपार्जन एवं जनकल्याण अभियान की समीक्षा
  • शीत लहर के चलते कलेक्टर सुविधानुसार स्कूल समय में करें परिवर्तन

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मकर संक्रांति पर्व महिला सशक्तिकरण पर केन्द्रित करते हुए आयोजित किया जाए। इस अवसर पर लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जनवरी माह की राशि का अंतरण शाजापुर के कालापीपल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सिंगल क्लिक से किया जाएगा। मकर संक्रांति पर्व जिला स्तर पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में महिलाओं को तिल, गुड़, कंगन और सुहाग सामग्री का वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मंत्रालय में जनकल्याण अभियान, मकर संक्रांति, धान उपार्जन और युवा दिसव कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा करते हुए कहा कि शीत लहर को देखते हुए कलेक्टर सुविधा के अनुसार स्कूल समय में परिवर्तन करना चाहें तो तुरंत करें। उन्होंने कहा कि आगामी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए अधिकारी, छात्रों और पालकों के साथ स्कूल ही नहीं कॉलेज स्तर पर भी समन्वय स्थापित करें। आगामी सिंहस्थ की तैयारियों के परिप्रेक्ष्य में भोपाल, इंदौर, उज्जैन संभाग के अधिकारी प्रयागराज में महाकुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन करें और देखें कि सिंहस्थ के दौरान हमारे प्रदेश में व्यवस्थित संचालन में वे व्यवस्थाएं किस प्रकार प्रभावशील हो सकती हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मकर संक्रांति पर्व की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक स्थान पर मुख्य समारोह आयोजित किया जाएगा। बताया गया कि 12 जनवरी को शाजापुर के कालापीपल में मुख्यमंत्री डॉ. यादव लाड़ली बहनों के खातों में जनवरी माह की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित करेंगे। इस अवसर पर पूरे प्रदेश में महिला सशक्तिकरण पर केन्द्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। दिनांक 12 जनवरी से 14 जनवरी के मध्य जनकल्याण शिविरों में मकर संक्रांति से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
शीत लहर पर करें पुख्ता प्रबंध
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी कलेक्टर्स को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शीत लहर को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक स्थलों, बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन, मुख्य बाजार एवं रैन बसेरे आदि में अलाव की व्यवस्था करें। फुटपाथ एवं खुली जगह पर सोने वालों को किसी सुरक्षित स्थान पर रात्रि विश्राम के लिए भिजवाएं। जिले में आने वाले मुसाफिर एवं गरीब वर्ग का विशेष रूप से ध्यान रखें। शीतलहर से होने वाली सर्दी-खांसी एवं अन्य बीमारियों से बचाव के लिए जिला अस्पतालों में व्यवस्था करें और चिकित्सा शिविर आयोजित करें। इसके साथ ही प्रदेश में एचएमपीवी वायरस के रोकथाम के लिए विशेष सावधानी रखें और बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी करें।