केन-बेतवा लिंक परियोजना से बदलेगी बुंदेलखंड की किस्मत

- पानी के साथ-साथ बिजली भी आएगी
भोपाल। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड का स्वरूप बदलने वाला है। एक तरफ परियोजना से बुंदेलखंड में जल संकट खत्म होगा, वहीं दूसरी तरफ यहां बिजली भी लोगों के घरों को रोशन करेगी। सूखाग्रस्त इलाके के नाम से चर्चित बुंदेलखंड की केन-बेतवा लिंक परियोजना से किस्मत बदलने वाली है। अब यहां की बंजर जमीन हरीभरी होगी और लोगों के घर भी रोशन होंगे। केन-बेतवा लिंक परियोजना से कुल 130 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसके तहत हाईड्रो पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे और सौर ऊर्जा के लिए फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए जाएंगे। दरअसल, मध्य प्रदेश की केन-बेतवा परियोजना से प्रदेश में 130 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इसमें 103 मेगावॉट हाईड्रो पावर और 27 मेगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा, जिसका पूरा लाभ मध्य प्रदेश को मिलेगा। परियोजना के तहत दौधन बांध पर 60 मेगावॉट का हाईड्रो पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। साथ ही लोअर लेवल टनल पर 18 मेगावॉट का हाईड्रो पावर प्लांट लगाया जाएगा। इस बिजली का उपयोग क्षेत्र में ही किया जाएगा।
यहां लगाए जाएंगे सोलर पैनल
इसके अलावा शिवपुरी जिले में उर नदी पर लोअर उर बांध पर 19 मेगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे। वहीं, विदिशा में बेतवा नदी के कोठा बैराज पर 8 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे। साथ ही सागर जिले के बीना में बीना नदी पर 21 मेगावाट का हाईड्रो पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह परियोजना न केवल बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में मदद करेगी, बल्कि यह मध्य प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाएगी।
कहां कितनी क्षमता के प्लांट
मध्य प्रदेश में हाइड्रो पॉवर प्लांट के गांधीसागर में 115 मेगावाट क्षमता, पेंच में 160 मेगावाट क्षमता, बरगी में 90 मेगावाट क्षमता, सिरमौर में 315 मेगावाट क्षमता, बिरसिंहपुर उमरिया में 20 मेगावाट क्षमता, अशोक नगर के राजघाट में 45 मेगावाट क्षमता, बांधसागर में करीब 100 मेगावाट क्षमता और शिवपुरी के मणिखेड़ा में 60 मेगावाट क्षमता के प्लांट स्थापित हैं। वहीं, सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट रीवा में 750 मेगावाट क्षमता का है। इसके बाद आगर-मालवा में 550 मेगावाट क्षमता, शाजापुर में 500 मेगावाट क्षमता, नीमच में 450 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल स्थापित है।