डीएनए विवाद पर वर्चुअल वार: सीएम योगी ने सपा को दी मर्यादित भाषा की नसीहत

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अखिलेश का पलटवार-खुद से करें शुरुआत
लखनऊ। डीएनए पर चल रहे वर्चुअल विवाद में अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने दखल दिया है। उन्होंने कहा है कि सपा को मर्यादित भाषा का प्रयोग करना चाहिए। सपा और भाजपा के बीच डीएनए विवाद पर वर्चुअल वार गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स के माध्यम से सपा को मर्यादित भाषा के इस्तेमाल की नसीहत दी। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जवाब में कहा कि इसकी शुरुआत खुद से करें। यहां बता दें कि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के सपा के डीएनए पर सवाल उठाने पर पलटवार में सपा की सोशल मीडिया हैंडल से भी उनके खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां की गईं। यह मुद्दा पिछले तीन दिनों से गर्माया हुआ है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स के माध्यम से सोमवार को कहा कि यद्यपि समाजवादी पार्टी से किसी आदर्श आचरण की अपेक्षा करना व्यर्थ है, पर सभ्य समाज उनके अशोभनीय एवं अभद्र वक्तव्यों को सहन नहीं कर सकता। समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चाहिए कि वे अपने सोशल मीडिया हैंडल की भलीभांति समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि वहां प्रयुक्त भाषा मर्यादित, संयमित और गरिमापूर्ण हो।
इस पर अखिलेश यादव ने एक्स पर काव्यात्मक लहजे में उन्हें साधुवाद देते हुए कहा कि वो ही ‘प्रवचन’ होता है असरदार, खुद से होती है जिसकी शुरुआत।
सपा अध्यक्ष का डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर निशाना
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक डीएनए विवाद पर सोमवार को शायराना अंदाज में कूदे। इस पर अखिलेश ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि उर्दू की शायरी करके जो भाजपा के लोग अपने ही दल में जिसका अप्रत्यक्ष विरोध कर रहे हैं, उन्हें बुरा लग गया तो उन पर राजनीतिक बुलडोज़र चलते देर नहीं लगेगी। उनकी सियासी सेहत के लिए एक सलाह है कि उप (उप मुख्यमंत्री) रहें और चुप रहें। अखिलेश सोशल मीडिया पर आगे लिखते हैं कि खाली बैठे लोग बात आगे बढ़ाते हैं और काम करने वाले आगे बढ़ जाते हैं। जो लोग अपने दलों में पूछे नहीं जाते हैं, उनसे पुनः आग्रह है कि कुछ सार्थक भूमिका निभाएं। जिस समाज का आप (ब्रजेश पाठक) सामाजिक प्रतिनिधित्व करते हैं, उस समाज पर कितना अत्याचार और अन्याय हो रहा है, उस पर यदि बोलकर कुछ कहने का साहस नहीं है तो कम से कम इशारे में ही कुछ कहने का साहस करें।
अखिलेश बिना नाम लिए ब्रजेश पाठक के लिए लिखते हैं कि बाहर से आकर भाजपाइयों जैसा बनकर वहां घुलने-मिलने की कोशिश कर रहे हैं। अपना राजनीतिक शोषण मत होने दीजिए। कभी संकट में हों तो हम आपके साथ खड़े रहेंगे। हम जानते हैं वो समय दूर भी नहीं है क्योंकि न तो आप, न ही आपका समाज आज के सत्ताधीश को भाता है या लुभाता है।
अपना चेहरा साफ कीजिए, आईने से मत झगड़िये
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एक्स पर लिखते हैं कि अखिलेश यादव डीएनए के सवाल पर बहुत भड़के हुए हैं। मैने ये क्या कह दिया कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में खराबी है, आप आपे से उसी तरह बाहर हो गए जैसे दस साल पहले यूपी की सत्ता से बाहर हो गए थे। आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है। डीएनए में खराबी का मतलब ये है कि आपकी पार्टी की राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी रही है और आज भी टिकी हुई है। समाजवादी पार्टी ने कभी सबका साथ-सबका विकास की बात की ही नहीं। आपकी प्राथमिकता ही हमेशा वोटबैंक की राजनीति रही है, नीतियों और आदर्शों से आपका दूर दूर तक का लेना देना नहीं रहा है।
पाठक लिखते हैं कि मुस्लिम तुष्टिकरण ही सपा की राजनीति का केंद्रीय हिस्सा रहा है। बतौर मुख्यमंत्री अपने दस्तखत से आतंकियों से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए। सपा सत्ता के लिए समाज को बांटने में यकीन रखती है। एक-एक आम व्यक्ति की जुबां से आपकी पार्टी के इस डीएनए का जिक्र फूटेगा। किस किस को गालियां देते फिरेंगे आप? सो अपना चेहरा साफ कीजिए, आईने से मत झगड़िये।
प्रदेश की जनता देगी जवाब-भूपेंद्र चौधरी
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि ब्रजेश पाठक के खिलाफ प्रयोग की गई अभद्र और अमर्यादित भाषा समाजवादी पार्टी की कुंठित मानसिकता को दिखाता है, जो बेहद ही निंदनीय और अक्षम्य है। प्रदेश की जनता समाजवादी पार्टी को निरंतर जवाब दे रही है और आगे भी देती रहेगी।
पतन की हद पार कर गई सपा-स्वतंत्र देव सिंह
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह कहते हैं कि मर्यादा की एक रेखा होती है। गिरने की भी एक हद और पतन की भी एक सीमा होती है। लेकिन, जब कोई राजनैतिक दल समाज की इन वर्जनाओं के पतन की हद को भी पार कर जाता है तो वह विषाक्त हो जाता है। समाजवादी पार्टी अब अधिकृत रूप से उसी स्थिति को प्राप्त हो चुकी है।