• जैविक खेती को बढ़ावा देने लगाए जाएं मेले

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बरखेडी कलां में जैविक खेती कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जैविक उत्पाद के मेले आयोजित किए जाए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल के बरखेड़ी कलां में आयोजित जैविक खेती कार्यशाला के दौरान किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए और राज्य सरकार के प्रयासों को साझा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार इस साल को 'उद्योग वर्ष' के रूप में मना रही है और कृषि प्रधान प्रदेश में खेती को भी एक उद्योग के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, जैविक खेती के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है और उसे प्रोत्साहन देने के लिए हर संभव मदद करेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि जैविक उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए मेलों का आयोजन किया जाना चाहिए, जैसे कि वन मेला, कार्तिक मेला और व्यापार मेला होते हैं, वैसे ही जैविक उत्पाद मेला भी आयोजित किया जाए, ताकि लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके।
खेती में रसायनों के उपयोग से बचें
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जैविक खेती के दौरान रसायनों का उपयोग खेती की व्यवस्था को बिगाड़ता है और इस से बचने की आवश्यकता है। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक उत्पादों को भारतीय बाजार में बढ़ावा देने की बात की और कहा कि वर्तमान में राज्य के 33 जिलों में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती की जा रही है। उनका लक्ष्य इसे पांच लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करना है।
जैविक खेती के लिए आदर्श गांव स्थापित किए जाएं
मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में नवीनीकरण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि कृषि को उद्योग की तरह विकसित करने की दिशा में चिंतन किया जाए और जैविक खेती के लिए आदर्श गांव भी स्थापित किए जाएं। जैविक खेती के दौरान इस बात का ख्याल भी रखा जाए कि प्राकृतिक व्यवस्था पर कोई प्रभाव न पड़ें  इसके अलावा, उन्होंने सरकार के नागपुर मॉडल पर काम करने की योजना का भी उल्लेख किया और यह सुनिश्चित करने की बात की कि इस दिशा में मध्य प्रदेश अपना खुद का मॉडल तैयार करेगा। सीएम ने अंत में यह भी कहा कि जैविक खेती के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर कई कार्यक्रम चला रही हैं, ताकि खेती को प्रोत्साहित किया जा सके और किसानों को नई तकनीक से लाभ हो सके।