भोपाल / शाजापुर। 
शुजालपुर एसडीएम अर्चना कुमारी के कथित भ्रष्टाचार को लेकर सबकी खबर ने एक खुलासा किया था। जिसमें हमने कहा था कि उन्होंने भ्रष्टाचार  किया है। एक शिकायत हुई थी। शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंची थी। वहां से जांच के आदेश हुए थे और यह शिकायत ईओडब्ल्यू भी पहुंची हुई है। वहां अभी जांच लंबित है। लेकिन हमने अपनी खबर में एक बात बड़ी क्लियर कही थी कि यदि जांच कलेक्टर ने की है या करने वाली हैं तो यह  मान के चलिए कि अर्चना कुमारी को क्लीन चिट मिलना तय है और यह बात हमने इसलिए की 
कि मध्य प्रदेश में परंपरा रही है कि सीधी भर्ती के आईएएस के खिलाफ यदि सीधी भर्ती  के आईएएस को आप जांच सौंप दें तो क्लीन चिट मिलना तय माना जाता है और यही हुआ अर्चना कुमारी मात्र 4 साल पहले आईएएस बनी है। यह 2021 की आईएएस है और कलेक्टर वहां जो रिजू बाफना है वह भी आईएएस हैं सीधी भर्ती की आईएएस है। अब आप देखिए कि मुख्यमंत्री सचिवालय से शिकायत की जांच कलेक्टर शाजापुर को सौंपी गई और वही होना था। हमने कहा था यह जांच रिपोर्ट हमारे पास आ चुकी है। 30 जून की  यह रिपोर्ट है। 30 जून को रिजू बापना ने यह रिपोर्ट तैयार करके सीधी भर्ती की आईएएस अर्चना कुमारी को क्लीन चिट दे दी  है। कोई दोष नहीं है। उन्होंने जो कुछ किया कोई भ्रष्टाचार नहीं हैं। लेकिन असल कहानी हम आपको बताते चलें कि एसडीएम अर्चना कुमारी पर आरोप यह है कि काला पीपल में जो अवैध कॉलोनियां बन रही हैं उनमें 30 लोगों को उन्होंने नोटिस जारी किए थे और इनमें से 30 में से दो  लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई गई और बाकी 28 लोगों को फाइन लगा के छोड़ दिया गया। इस आरोप में जो शिकायतकर्ता हैं, यह शिकायतकर्ता हैं मोहित पिता राम भरोस जाट निवासी मगरानिया तहसील शुजालपुर शाजापुर।  तो इन्होंने यह शिकायत मुख्यमंत्री को भी की है और ईओडब्ल्यू को भी की है। ईओडब्ल्यू में अभी जांच पेंडिंग है लेकिन मुख्यमंत्री की जांच के बाद कलेक्टर ने अर्चना कुमारी को क्लीन चिट दे दी है। लेकिन क्लीन  चिट किसने दी है यह समझ लीजिए। क्लीन चिट  दी है। सीधी भर्ती की आईएएस जो कलेक्टर  हैं रिजू बापना उन्होंने क्लीन चिट दी  है। अभी ईओडब्ल्यू ने क्लीन चिट नहीं दी  है और ईओडब्ल्यू में यह प्रकरण अभी खत्म  भी नहीं हुआ है। यह बात दूसरी है कि रिजू  भापना ने अपनी क्लीन चिट की कॉपी  ईओडब्ल्यू को भेजी है। यदापि मजेदार बात  यह है कि कलेक्टर की जांच में जो मुख्यमंत्री को जांच की कॉपी दी गई है  उसमें कहीं भी ईओडब्ल्यू का उल्लेख नहीं है ना कॉपी ईओडब्ल्यू को दी गई है लेकिन इसके बाद भी कलेक्टर यदि ईओडब्ल्यू को  कॉपी भेज रही हैं इसका मतलब है कि अर्चना कुमारी को बचाना चाहती हैं। इतना  क्लियर है। अब सवाल यह है कि इस बात का  कोई उल्लेख नहीं है क्योंकि इसमें पहली  शिकायत यह थी कि अर्चना कुमारी ने जो नोटिस दिए और जो कारवाई की वो एक जो फॉर्मेट है जो उन्होंने वेबसाइट पे चढ़ाना चाहिए था इस वेबसाइट का नाम है आरसीएमएस इस पर दर्ज क्यों नहीं किए पोर्टल पे उन्होंने तो बड़ा बचकाना जवाब है कि पोर्टल थोड़ा धीमा चल रहा था उसका नेटवर्क सही नहीं था। काम ज्यादा था इसलिए पोर्टल पर नहीं चढ़ाया। क्लीन चिट जारी। मतलब आप कोई सवाल जवाब मत करिए। यह सीधे भरती के  जो आईएएस है मध्य प्रदेश में यह हम तो लगातार कहते हैं कि भगवान से कम थोड़ी है  यह लोग। यह जो कहे वो सही है। बाकी सब गलत। इस पूरी खबर में एक यह भी बात सोचने लायक हैं शुजालपुर नगरपरिषद के अध्यक्ष अध्यक्ष हैं जयप्रकाश अग्रवाल।  अर्चना कुमारी यह यही गलती कर गई क्योंकि  जयप्रकाश अग्रवाल की पत्नी नीना अग्रवाल यह भी वहां कॉलोनी काट रही हैं और  इन्होंने नगर परिषद के अध्यक्ष की पत्नी को भी नोटिस दे दिया और इनसे भी जवाब मांगा गया। इन्हने कहा कि हमने तो कॉलोनी 2014 में काटी थी। तब आपके 2021 के नियम ही लागू नहीं थे। इसके बाद भी इन्होंने जो आदेश जारी किया है 10,000  का फाइन लगा के इन्हें छोड़ दिया। फिलहाल  एफआईआर नहीं कराई और लोग थे किसी पे भी एफआईआर नहीं कराई। अब सवाल यह है क्योंकि मैडम की क्लीन चिट में भी कहीं नहीं लिखा है कि दो लोगों पे  एफआईआर क्यों कराई? और 28 लोगों को फाइन लगा के क्यों छोड़ा गया? यह सवाल हमेशा  खड़ा रहेगा। हालांकि इसमें मैं अर्चना कुमारी की एक तारीफ करूंगा कि उन्होंने जो 28 लोगों पे फाइन लगाया है उसमें पटवारी को एक कॉपी देते हुए कहा है कि इन  कॉलोनियों को अवैध कॉलोनी की सूची में सूचीबद्ध करें। मतलब यह 28 लोगों पे फाइन लगाया गया है और उन्हें मौका दिया गया है कि भ आवश्यक जो दस्तावेज होते हैं, परमिशन  होती है वह ले लें। तो वह तो आप दो लोगों  पे भी कर सकते हैं जिन पे एफआईआर की है।  उन पे भी फाइन लगा सकते थे उनके बारे में लेकिन आपने दो पर एफआईआर की 28 को छोड़ा है तो क्या कुछ वसूली हुई है नहीं हुई हमको नहीं पता। वहां आरोप यह लग रहे हैं  कि 28 लोगों पर वसूली हुई है। और यह भी हो  सकता है कि यह भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं जयप्रकाश । इनकी पत्नी के नाम से भी कॉलोनी है। छोटे भाई की पत्नी के  नाम से भी कॉलोनी है। आपने उन्हें नोटिस  भी दिया है। 10,000 लगा के आपने छोड़ भी दिया है। इनके खिलाफ एफआईआर कराने की  हिम्मत क्यों नहीं हुई अर्चना जी आपकी?  भाई इतना सा सवाल है। बाकी तो अब आपको  क्लीन चिट मिल गई तो बहुत-बहुत बधाई।  कलेक्टर मैडम ने आपको क्लीन चिट दे दी है।  लेकिन अब हमें इंतजार रहेगा ईओब्ल्यू की  जांच का। वहां से अभी क्लीन चिट नहीं मिली  है। देखते हैं कलेक्टर की जांच के आधार पे  क्या ईओडब्ल्यू भी क्लीन चिट देगी? नोटिस  होगा, जांच होगी, क्या होगा? हम इस पर नजर बना के रखेंगे।