• सोना 96,000 रुपए प्रति 10 ग्राम

  • चांदी 700 रुपए टूटकर 97,300 रुपए प्रति किलो पर पहुंची

इंदौर। इंदौर सराफा बाजार में मंगलवार को सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। सोना 100 रुपए टूटकर 96,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि चांदी 700 रुपए घटकर 97,300 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा यूरोप पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले को जुलाई तक टालने से बाजार को राहत मिली है, लेकिन बॉन्ड यील्ड में स्थिरता और डॉलर की कमजोरी से दबाव बना रहा। अंतरराष्ट्रीय बुलियन वायदा बाजार में सोना 33 डॉलर टूटकर 3,296 डॉलर प्रति औंस और चांदी 34 सेंट गिरकर 32.97 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। इंदौर में 22 कैरेट सोना 89,500 रुपए प्रति 10 ग्राम रहा, जबकि चांदी का सिक्का 1,110 रुपए प्रति नग बिका। उज्जैन में केडबरी सोना 96,100 और चांदी पाट 97,600 रुपए प्रति किलो बोली गई।

कालीमिर्च के सस्ते आयात पर अंकुश के बावजूद बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं

कालीमिर्च की कीमतों में फिलहाल स्थिरता बनी हुई है। प्रमुख उत्पादक देशों में कमजोर आवक और मसाला तेल, पाउडर निर्माता कंपनियों की सीमित खरीद के चलते फिलहाल कोई बड़ी तेजी की संभावना नहीं दिख रही। इंदौर में कालीमिर्च 711–715 रुपए, मिनि मटर 770–775 और मटर दाना 830–835 रुपए प्रति किलो पर कारोबार कर रहा है, जो पहले से ही ऊंचे भाव माने जा रहे हैं। हालांकि यदि भविष्य में आयात पर अंकुश प्रभावी रूप से लगाया गया तो गिरावट की संभावना सीमित हो सकती है। श्रीलंका से शुल्क मुक्त कालीमिर्च के संभावित आयात ने भारतीय उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। मसाला बोर्ड के अनुसार, अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक कालीमिर्च का निर्यात 19,055 टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 18% ज्यादा है। निर्यात आमदनी भी 664.25 करोड़ से बढ़कर 950.10 करोड़ रुपए पहुंची।

सूखे मेवे, शकर और नारियल में भाव स्थिर, खोपरा गोला मजबूत

शकर के बाजार में सीमित पूछताछ के बावजूद भाव स्थिर बने रहे। बेस्ट क्वालिटी शकर 4170-4180 रुपए प्रति क्विंटल बोली गई। खोपरा गोला में स्टॉक कम होने के कारण 3-5 रुपए की तेजी देखी गई। खोपरा गोला बॉक्स में 233–268 रुपए और कट्टे में 218–225 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। खोपरा बूरा 4000–6000 रुपए प्रति 15 किलो बोला गया।

पूजन सामग्री और फलाहारी वस्तुएं भी स्थिर

देशी कपूर 700–710, पूजा बादाम 115–125, पूजा सुपारी 425–450 और केसर 165–193 रुपए प्रति ग्राम पर कारोबार कर रही है। साबूदाना और मोरधन में भी भाव सामान्य बने हुए हैं, जबकि तरबूज मगज और सिंघाड़ा में अच्छी मांग बनी हुई है।

दलहन आयात रिकॉर्ड स्तर पर, काबुली चना सुधरा

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने रिकॉर्ड 5 अरब डॉलर का दलहन आयात किया, जो पिछले साल के 3.74 अरब डॉलर से कहीं ज्यादा है। सरकार द्वारा देसी चना और पीली मटर के आयात पर लगाए गए शुल्क हटाने से आयात में उछाल आया। हालांकि अब देसी चना और मसूर पर फिर से 10-10% शुल्क लगा दिया गया है। पीली मटर पर शुल्क-मुक्त आयात की मियाद 31 मई को खत्म हो रही है, जिसके बाद व्यापार क्षेत्र सरकार से भारी शुल्क लगाने की मांग कर रहा है। ओवरसीज एग्री ट्रेड एसोसिएशन (ओएटीए) के अनुसार, कनाडा, म्यांमार, ब्राजील में दलहन उत्पादन बढ़ा है और निर्यात स्टॉक उपलब्ध है। भारत में मानसून की अच्छी वर्षा के अनुमान से खरीफ की बोवनी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। एमएसपी में बढ़ोतरी की संभावना भी है, जिससे उत्पादन बढ़ सकता है। छावनी अनाज मंडी में अमावस्या पर अवकाश रहा, लेकिन काबुली चना का सीमित निजी कारोबार जारी रहा। अच्छी मांग के चलते इसके भाव में सुधार देखा गया।